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क्या युवाओं के लिए आज भी प्रासंगिक हैं स्वामी विवेकानंद के विचार?
रविवार,जनवरी 30, 2022
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स्वामी विवेकानंद के विचारों को पढ़कर व्यक्ति अपने जीवन दशा और दिशा दोनों ही बदली जा सकती है। उनके प्रेरक विचार और जीवन के अनुभव हमेशा आगे बढ़ने की सीख देते हैं। छोटी उम्र में ही अपने लक्ष्य को साधने के लिए 25 साल की उम्र में उन्होंने संन्यास ले ...
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Yuva divas 2022 : स्वामी विवेकानंद जी के जन्म दिवस को युवा दिवस के रूप में मनाया जाता है। उनका जन्म 12 जनवरी सन् 1863 को कोलकाता में हुआ था। मात्र 39 साल की उम्र में 4 जुलाई 1902 को उन्होंने महासमाधि ले ली थी। आओ जानते हैं स्वामी विवेकानंद की हमेशा ...
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प्राचीन भारत से लेकर वर्तमान समय तक युवाओं को स्वामी विवेकानंद जी ने हमेशा प्रेरित किया है। स्वामी विवेकानंद जी युवाओं के लिए हमेशा आदर्श रहे हैं और हमेशा रहेंगे। आज भले ही दुनिया को वे अलविदा कह चुके हैं लेकिन उनके विचार आज भी युवाओं को आगे बढ़ने ...
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स्वामी विवेकानंद (Swami Vivekananda) यानी नरेंद्र दत्त एक आध्यात्मिक गुरु एवं समाज सुधारक थे। वे कहते थे कि युवा (Yuva) किसी भी देश की सबसे बहुमूल्य संपत्ति होता हैं।
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स्वामी विवेकानंद एक व्यक्तित्व नहीं, एक बुनियाद हैं। ऐसी बुनियाद जिस पर भारत का विराट सांस्कृतिक महल खड़ा है। स्वामी विवेकानंद ने अध्यात्म, वैश्विक मूल्यों, धर्म, चरित्र निर्माण शिक्षा एवं समाज को बहुत विस्तृत एवं गहरे आयामों से विश्लेषित किया है।
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एक बार बनारस में स्वामी विवेकानंद जी दुर्गा माता के मंदिर से निकल रहे थे, तभी वहां मौजूद बहुत सारे बंदरों ने उन्हें घेर लिया। बंदर उनके नज़दीक आने लगे और डराने लगे।
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हमेशा से युवाओं के प्रेरणास्रोत रहे स्वामी विवेकानंद (Swami Vivekananda) का जन्म 12 जनवरी सन् 1863 (12 January 1863) को हुआ। स्वामी जी का घर का नाम नरेंद्र दत्त (Narendra Datt) था।
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यहां आप के लिए प्रस्तुत हैं स्वामी जी के 25 खास अनमोल विचार, यदि आप उन पर अमल करते हैं तो ये वचन आपकी जिंदगी बदलकर रख देंगे।
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स्वामी विवेकानंद ने जितने युवाओं के हृदय को झंकृत किया, शायद उतना किसी और ने किया हो। श्री रामकृष्ण परमहंस के शिष्य स्वामी विवेकानंद एक ऐसे संत थे जिनका रोम-रोम राष्ट्रभक्ति से ओत-प्रोत था।
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स्वामी जी के जीवन से जुड़ी 10 खास बातों में से आज हम आपको बताएंगे वो बातें जो उनके आध्यात्मिक जीवन में बेहद महत्वपूर्ण हैं।
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एक प्रसंग के अनुसार एक दिन एक युवक स्वामी विवेकानंद के पास आया। उसने कहा- मैं आपसे गीता पढ़ना चाहता हूं। स्वामीजी ने युवक को ध्यान से देखा और कहा
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स्वामी विवेकानंद का जन्म 12 जनवरी सन् 1863 को हुआ। उनका घर का नाम नरेंद्र दत्त था। उनके पिता श्री विश्वनाथ दत्त पाश्चात्य सभ्यता में विश्वास रखते थे। वे अपने पुत्र नरेंद्र को भी अंगरेजी पढ़ाकर पाश्चात्य सभ्यता के ढंग पर ही चलाना चाहते थे।
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महान व्यक्तित्व के धनी स्वामी विवेकानंद का जन्म 12 जनवरी सन् 1863 को हुआ था। उनके पिता विश्वनाथ दत्त पाश्चात्य सभ्यता में विश्वास रखते थे।
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युवाओं के प्रेरणास्रोत, समाज सुधारक युवा युग-पुरुष 'स्वामी विवेकानंद' का जन्म 12 जनवरी 1863 को कलकत्ता (वर्तमान में कोलकाता) में हुआ।
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मानवता की दिव्यता के उपदेश का स्वाभाविक फल था निर्भयता और व्यावहारिक अंग्रेज जाति ने स्वामीजी के जीवन की कई घटनाओं में इस निर्भयता का प्रत्यक्ष उदाहरण देखा था।
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शारदा देवी (जन्म- 22 सितंबर, 1853, मृत्यु- 20 जुलाई, 1920) रामकृष्ण परमहंस की जीवन संगिनी थीं। रामकृष्ण परमहंस ने शारदा देवी को आध्यात्मिक ज्ञान दिया और देवी शारदा बाद में मां शारदा बन गईं। 1888 ई. में परमहंस के निधन के बाद उनके रिक्त स्थान पर ...
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स्वामी विवेकानंद के बारे में भारत के युवा कितना जानते हैं? शायद बहुत कम या शायद बहुत ज्यादा? आओ जानते हैं 8 पॉइंट में उनके बारे में कुछ खास।
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स्वामी विवेकानंद का जन्म 12 जनवरी सन् 1863 को हुआ। उनका घर का नाम नरेंद्र दत्त था। उनके पिता श्री विश्वनाथ दत्त पाश्चात्य सभ्यता में विश्वास रखते थे।
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यहां पाठकों के लिए प्रस्तुत हैं स्वामी जी के ऐसे 20 अनमोल विचार, यदि आप उन पर अमल करते हैं तो ये वचन आपकी जिंदगी बदलकर रख देंगे।
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