स्वामी विवेकानंद : भारतीय अध्यात्म के प्रतीक
आधुनिक सदी में भारतीय अध्यात्म के प्रतीक एवं रामकृष्ण परमहंस के शिष्य रहे नरेन्द्रनाथ दत्त का जन्म 12 जनवरी, 1863 को कोलकाता में हुआ। वे कालांतर में स्वामी विवेकानंद के नाम से प्रख्यात हुए।
नरेन्द्रनाथ ने 1879 में एंट्रेंस परीक्षा पास की और वे प्रेसीडेंसी कॉलेज कोलकाता से 1884 में बी.ए. हुए। उन्होंने कानून की पढ़ाई भी की थी, परंतु वे कानून की अंतिम वर्ष की परीक्षा में नहीं बैठ सके।
पढ़ाई के दौरान ही नरेन्द्रनाथ की सम्पूर्ण आत्मिक ऊर्जा परब्रह्म की खोज की ओर मुखर हुई। वे ध्यान एवं समाधि में लीन रहने लगे। सत्य की खोज के दौरान ही वे महर्षि देवेन्द्रनाथ टैगोर, केशवचन्द्र सेन, शिवनाथ शास्त्री व समाज के अन्य मनीषियों के संपर्क में आए। समाज सुधार का उनके मन में विशिष्ट स्थान था। वे सती प्रथा के विरुद्ध और नारी शिक्षा के पक्षधर थे। 1822 में नरेन्द्रनाथ रामकृष्ण परमहंस के संपर्क में आए और उनके सभी तार्किक-वैज्ञानिक आधारों की संतुष्टि के पश्चात वे विवेकानंद बने।