मुंबई। कमजोर वैश्विक रुख के बीच वायदा एवं विकल्प खंड में अनुबंधों की समाप्ति से बीएसई सेंसेक्स और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी गुरुवार को मामूली बढ़त के साथ बंद हुए। शुरू में बाजार में अच्छी तेजी थी, लेकिन कारोबार समाप्त होने से पहले यह तेजी बरकरार नहीं रह पाई।
30 शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स एक समय 39,326.98 के उच्च स्तर तक चला गया था, लेकिन बाद में कोरोबार के अंतिम घंटे में बिकवाली दबाव के कारण नीचे आ गया। अंत में यह 39.55 अंक यानी 0.10 प्रतिशत ऊंचा रहकर 39,113.47 अंक पर बंद हुआ। एनएसई निफ्टी भी 9.65 अंक यानी 0.08 प्रतिशत की मामूली बढ़त के साथ 11,559.25 अंक पर बंद हुआ।
सेंसेक्स के शेयरों में सर्वाधिक लाभ में इंडसइंड बैंक रहा। इसमें 6 प्रतिशत से अधिक की तेजी आई। इसके साथ महिंद्रा एंड महिंद्रा, एसबीआई, एचडीएफसी, एक्सिस बैंक, सन फार्मा और मारुति में भी तेजी रही।
दूसरी तरफ जिन शेयरों में गिरावट दर्ज की गई, उनमें ओएनजीसी, बजाज ऑटो और अल्ट्रा टेक सीमेंट शामिल हैं।
आनंद राठी में इक्विटी शेध प्रमुख (फंडामेंटल) नरेंद्र सोलंकी ने कहा कि बढ़त के साथ खुलने के बाद बाजार दोपहर के कारोबार में भी सकारात्मक दायरे में रहा। इसका कारण कारोबारियों को आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास के बयान से उत्साहित होना है। उन्होंने कहा कि नई समाधान रूपरेखा से कर्जदाताओं को कोविड-19 संकट के बीच टिकाऊ राहत मिलेगी।
कारोबारियों के अनुसार हालांकि अगस्त महीने के वायदा एवं विकल्प खंड में अनुबंध की समाप्ति से प्रतिभागी थोड़े सतर्क रहे।
उधर, वैश्विक निवेशक अमेरिकी केंद्रीय बैंक की सालाना जैकसन होल संगोष्ठी में फेडरल रिजर्व के चेयरमैन जेरोम पॉवेल के संबोधन से कुछ संकेत मिलने का इंतजार कर रहे हैं। पूर्व में अधिकारी इसमें बाजार को गति देने वाली घोषणा करते रहे हैं। इस बार कार्यक्रम डिजिटल तरीके से हो रहा है।
वैश्विक स्तर पर एशिया के अन्य बाजारों में चीन में हांकांग, जापान का टोक्यो और दक्षिण कोरिया का सोल नुकसान में रहे जबकि चीन के शंघाई बाजार में तेजी रही। शुरुआती कारोबार में यूरोप के प्रमुख बाजारों में गिरावट दर्ज की गई। उधर, वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड का भाव 0.04 प्रतिशत बढ़कर 46.18 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया।
इस बीच अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 48 पैसे उछलकर 73.32 पर बंद हुआ। आरबीआई के गवर्नर दास के बयान से रुपए में मजबूती आई। उन्होंने कहा कि केंद्रीय बैंक के पास कोविड-19 संकट से निपटने के लिए अभी और उपाय बचे हैं।
दास ने यह भी कहा कि कर्ज देने से बचने की जगह बैंकों को अपने जोखिम प्रबंधन और प्रशासनिक ढांचे में सुधार करना चाहिए और खुद में पर्याप्त लचीलापन लाना चाहिए। (भाषा)