रेपो रेट में कटौती के बाद लुढ़का बाजार, 192 अंकों की गिरावट के साथ बंद हुआ सेंसेक्स
मुंबई। रिजर्व बैंक के चालू वित्त वर्ष का विकास अनुमान घटाने से घरेलू शेयर बाजारों में गुरुवार को गिरावट देखी गई और सेंसेक्स तथा निफ्टी एक सप्ताह के निचले स्तर पर आ गए।
सूचना प्रौद्योगिकी, ऊर्जा तथा तेल एवं गैस क्षेत्र की कंपनियों के शेयरों में बिकवाली से बीएसई का 30 शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 192.40 अंक यानी 0.49 प्रतिशत की गिरावट में 29 मार्च के बाद के निचले स्तर 38,684.72 अंक पर आ गया। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 45.95 अंक यानी 0.39 प्रतिशत टूटकर 28 मार्च के बाद के निचले स्तर 11,598 अंक पर बंद हुआ।
रिजर्व बैंक ने जारी बयान में निजी घरेलू निवेश कमजोर पड़ने और वैश्विक अर्थव्यवस्था में मंदी के मद्देनजर चालू वित्त वर्ष के लिए सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का विकास अनुमान 7.4 प्रतिशत से घटाकर 7.2 प्रतिशत कर दिया है। इससे बाजार में निवेश धारणा कमजोर रही।
हालांकि उसने नीतिगत ब्याज दरों में 0.25 प्रतिशत की कटौती का भी ऐलान किया, लेकिन यह बाजार को लगातार दूसरे दिन गिरने से नहीं रोक सका। इस साल मानसून सामान्य से कमजोर रहने की स्काईमेट की भविष्यवाणी के बाद बुधवार को भी घरेलू शेयर बाजार लाल निशान में रहे थे।
बीएसई के समूहों में आईटी का सूचकांक डेढ़ फीसदी लुढ़क गया। ऑटो समूह में आधी फीसदी से अधिक की तेजी रही। सेंसेक्स की कंपनियों में टीसीएस ने 3 प्रतिशत से ज्यादा का नुकसान उठाया। एचसीएल टेक्नोलॉजीज और यस बैंक के शेयर भी 2 प्रतिशत से ज्यादा टूटे। टाटा मोटर्स ने सबसे ज्यादा ढाई प्रतिशत का मुनाफा कमाया। हीरो मोटोकॉर्प के शेयर 2 फीसदी से अधिक चढ़े।