तेजी पर लगा ब्रेक, कमजोर मानसून के पूर्वानुमान से सेंसेक्स लुढ़का
मुंबई। कच्चे तेल की कीमतों में तेजी और इस साल मानसून के कमजोर रहने के पूर्वानुमान से घरेलू शेयर बाजार की चार दिन की तेजी पर ब्रेक लगा गया और बीएसई का 30 शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स नए उच्चतम स्तर को छूने के बाद 39 हजार अंक से नीचे लुढ़क गया।
सेंसेक्स 110.40 अंक की बढ़त में 39,167.05 अंक पर खुला। गिरावट में जाने से पहले यह पहली बार 39,200 अंक के ऊपर पहुंचा और 39,270.14 अंक के दिवस के उच्चतम स्तर को छूने में कामयाब रहा, लेकिन मौसम पूर्वानुमान सेवा प्रदाता निजी कंपनी स्काईमैट के मानसून कमजोर रहने की भविष्यवाणी के बाद इसका ग्राफ अचानक नीचे आया। आखिरी एक घंटे में हुई बिकवाली से सेंसेक्स 38,826.56 अंक के दिवस के निचले स्तर तक उतर गया। अंतत: यह गत दिवस के मुकाबले 179.53 अंक यानी 0.46 प्रतिशत नीचे 38,877.12 अंक पर बंद हुआ।
स्काईमैट ने कहा है कि वर्ष 2019 में मानसूनी बारिश औसत से सात प्रतिशत कम रह सकती है। इससे बाजार पर दबाव पड़ा। पिछले साल यह औसत से नौ प्रतिशत कम रही थी।
बाजार में बिकवाली चौतरफा रही। सेंसेक्स की 30 में से 23 कंपनियां गिरावट में बंद हुईं। बैंकों के साथ तेल एवं गैस तथा ऊर्जा क्षेत्र की कंपनियों के शेयर भी लाल निशान में रहे। कच्चे तेल की कीमत में तेजी का असर इन कंपनियों पर देखा गया।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 22.10 अंक की बढ़त में 11,735.30 अंक पर खुला और शुरुआती कारोबार में ही 11,761 अंक के अब तक के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया। बाद में बिकवाली के दबाव में 11,629.15 अंक के दिवस के निचले स्तर से होता हुआ यह गत दिवस के मुकाबले 69.25 अंक यानी 0.59 प्रतिशत फिसलकर 11,643.95 अंक पर रहा। इसकी 50 में से 39 कंपनियां लाल निशान में और शेष 11 हरे निशान में रहीं।
मझौली और छोटी कंपनियों पर भी दबाव रहा। बीएसई का मिडकैप 0.77 प्रतिशत लुढ़ककर 15,434.09 अंक पर और स्मॉलकैप 0.87 प्रतिशत टूटकर 14,985.55 अंक पर बंद हुआ। बीएसई में कुल 2,760 कंपनियों के शेयरों में कारोबार हुआ, जिनमें 1,605 में बिकवाली और 996 में लिवाली का जोर रहा, जबकि 159 कंपनियों के शेयर दिनभर के उतार-चढ़ाव के बाद अंतत: अपरिवर्तित रहे।