Last Modified: क्वालालंपुर ,
मंगलवार, 30 अगस्त 2011 (16:44 IST)
हम्माम ने फीफा पर फिर लगाए आरोप
एशियाई फुटबॉल के पूर्व अध्यक्ष मोहम्मद बिन हम्माम ने फीफा पर कैरेबियाई फुटबॉल अधिकारियों को धमकाकर यह स्वीकार करने के लिए बाध्य करने का आरोप लगाया है कि उन्होंने अधिकारियों को रिश्वत की पेशकश की थी। रिश्वत के आरोपों के कारण ही हम्माम पर आजीवन प्रतिबंध लगा है।
हम्माम पर पिछले महीने प्रतिबंध लगाया गया था। उन्हें कैरेबियाई फुटबॉल अधिकारियों को 40-40 हजार डॉलर की पेशकश करके फीफा अध्यक्ष पदक की दौड़ में वोट खरीदने का प्रयास करने का दोषी पाया गया था।
एशियाई फुटबॉल परिसंघ के पूर्व अध्यक्ष ने इन आरोपों से इंकार करते हुए इन्हें ‘राजनीति से प्रेरित’ बताया।
हम्माम ने अपने ब्लॉग में फीफा महासचिव जिरोम वाल्के के पत्र की प्रति डाली है जिसमें कैरेबियाई फुटबाल यूनियन के सदस्यों से कहा गया है कि वे आगे आयें और दो दिन के अंदर ‘सभी संबंधित सूचनाएं’ मुहैया कराएं। पत्र में कहा गया है कि जो सामने नहीं आएगा उसे ‘प्रतिबंधों का सामना करना होगा।’।
फीफा ने पुष्टि की है कि पत्र आधिकारिक है लेकिन साथ ही कहा कि वाल्के ने अपनी अधिकारों के तहत काम किया है और वह फीफा की जांच में मदद कर रहे हैं। फीफा के हम्माम को निलंबित करने से उन्हें फुटबॉल की वैश्विक संस्था के अध्यक्ष पद की दौड़ से हटना पड़ा था और निवर्तमान अध्यक्ष सेप ब्लाटर को लगातार चौथी बार अध्यक्ष पद पर आसीन होने का मौका मिला।
वोट खरीदने के आरोपों से पिछले साल कतर को मिली 2022 विश्वकप की मेजबानी पर भी सवाल उठने लगे थे। कतर ने विवादास्पद फैसले में ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका, दक्षिण कोरिया और जापान को पछाड़कर मेजबानी हासिल की थी। (भाषा)