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Written By भाषा
Last Modified: बेलो होरिजोंटे , बुधवार, 9 जुलाई 2014 (19:50 IST)

मैं ब्राजील का दर्द समझ सकता हूं : जोआकिम लो

मैं ब्राजील का दर्द समझ सकता हूं : जोआकिम लो -
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बेलो होरिजोंटे। ब्राजील को विश्वकप इतिहास की सबसे शर्मनाक शिकस्त देने वाली जर्मन टीम के कोच जोआकिम लो ने कहा है कि वर्ष 2006 में इटली के हाथों हारकर उन्हें भी ऐसा ही एहसास हुआ था और इसलिए वह मेजबान टीम के दर्द को अच्छी तरह समझ सकते हैं।

जर्मनी को विश्वकप इतिहास में मिली यादगार जीत के बाद लो ने विपक्षी टीम के प्रति हमदर्दीभरा रवैया अपनाते हुए कहा, हम भी चकित हैं, लेकिन वर्ष 2006 में जब जर्मनी को इटली के हाथों इसी दौर में पहुंचकर हार का सामना करना पड़ा था तो हमें भी ऐसे ही दर्द और पीड़ा से गुजरना पड़ा था।

लो ने कहा, ब्राजील की टीम खुद भी बहुत ही हैरान थी और इस स्तर पर आकर हारना नहीं चाहती थी, लेकिन हमारे लिए मैच काफी आसान रहा। मुझे लगता है कि ब्राजील पर जीत का बहुत अधिक दबाव था और यही उसकी हार की वजह बना।

जर्मन कोच ने कहा, ब्राजील के 20 करोड़ लोग सभी अपनी टीम को फाइनल में देखना चाहते थे। इस तरह की अपेक्षाओं से टीम बहुत दबाव में आ जाती है। मुझे तो ब्राजील के कोच लुईज फेलिप स्कोलारी के लिए बहुत दुख हो रहा है। मैं समझ सकता हूं कि इस समय वे कैसा महसूस कर रहे होंगे।

वर्ष 2006 में जुगरैन क्लिंसमैन के सह कोच रहे लो ने उस दौरान इटली के हाथों जर्मनी को मिली हार की कड़वी यादों को दोहराते हुए कहा, हमें 2006 में अपनी टीम से बहुत उम्मीदें थीं लेकिन मेजबान टीम पर आप दबाव को समझ सकते हैं। इस विश्वकप मैच में जर्मनी अतिरिक्त समय में इटली से 0-2 से हार गया था।

लो ने अपनी टीम की प्रशंसा करते हुए कहा, '18 मिनट के अंदर पांच गोल' साफ है कि इस प्रदर्शन से तो ब्राजील पूरी तरह चौंक ही गया होगा और उन्हें समझ में नहीं आ रहा होगा कि अब क्या किया जाए, लेकिन हमारी टीम ने बेहतरीन प्रदर्शन किया और मैं चाहता हूं कि सभी खिलाड़ी इस जीत के बावजूद विनम्र रहें और इस प्रदर्शन को फाइनल में भी बरकरार रखें। (वार्ता)