Last Modified: नई दिल्ली ,
शनिवार, 18 सितम्बर 2010 (15:43 IST)
तीन बार भारत से आगे रहा था पाक
राष्ट्रमंडल खेलों में भारत भले ही आज एक महाशक्ति बन गया है लेकिन इन खेलों की पदक तालिका में वह लगातार तीन बार पड़ोसी देश पाकिस्तान से पीछे रहा था।
पाकिस्तान ने सबसे पहले वर्ष 1954 में कनाडा के वेंकूवर में हुए पाँचवें राष्ट्रमंडल खेलों में शिरकत की थी। तब इन खेलों को ब्रिटिश एम्पायर एंड कामनवेल्थ गेम्स के नाम से जाना जाता था।
भारत इन खेलों में एक भी पदक नहीं जीत पाया था जबकि पाकिस्तान ने एक स्वर्ण, दो रजत और तीन काँस्य सहित कुल छह पदक जीतकर अंक तालिका में 11वाँ स्थान हासिल किया था।
वर्ष 1958 के वेल्स के कार्डिफ में हुए छठे राष्ट्रमंडल खेलों में पाकिस्तान ने तीन स्वर्ण, पाँच रजत और दो काँस्य सहित कुल दस पदकों के साथ पदकतालिका में सातवाँ स्थान हासिल किया। भारत दो स्वर्ण और एक रजत के साथ आठवें स्थान पर रहा था।
ऑस्ट्रेलिया के पर्थ में वर्ष 1962 में हुए सातवें राष्ट्रमंडल खेलों में भारत ने चीन से युद्ध के कारण भाग नहीं लिया था। पाकिस्तान ने इन खेलों में आठ स्वर्ण और एक रजत सहित कुल नौ पदकों के साथ अंकतालिका में चौथा स्थान प्राप्त किया था। राष्ट्रमंडल खेलों के इतिहास में पाकिस्तान का यह सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है।
कैरेबियाई जमीन पर एकमात्र बार वर्ष 1966 में जमैका के किंग्सटन में हुए आठवें राष्ट्रमंडल खेलों में एक बार फिर पाकिस्तान भारत पर भारी पड़ा। पाकिस्तान चार स्वर्ण, एक रजत और चार काँस्य सहित कुल नौ पदकों के साथ सातवें स्थान पर रहा था जबकि भारत तीन स्वर्ण, चार रजत और तीन काँस्य सहित कुल दस पदकों के साथ नौवें स्थान पर रहा था।
लेकिन इसके चार वर्ष बाद स्काटलैंड के एडिनबर्ग में हुए नौवें राष्ट्रमंडल खेलों में भारत ने पाकिस्तान से पहली बार बाजी मार ली और फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा। भारत ने इन खेलों में पाँच स्वर्ण, तीन रजत और चार काँस्य सहित कुल 12 पदकों के साथ छठा स्थान हासिल किया जबकि पाकिस्तान चार स्वर्ण, तीन रजत और दो काँस्य सहित नौ पदकों के साथ सातवें स्थान पर रहा।
पाकिस्तान ने इसके बाद 1974, 1978, 1982, और 1986 में हुए राष्ट्रमंडल खेलों में हिस्सा नहीं लिया। भारत ने भी एडिनबर्ग में 1986 में हुए 13वें राष्ट्रमंडल खेलों में हिस्सा नहीं लिया था।
वर्ष 1990 में आकलैंड में हुए 14वें राष्ट्रमंडल खेलों में भारत ने 13 स्वर्ण, आठ रजत और 11 काँस्य सहित कुल 32 पदक अपनी झोली में समेटते हुए पदकतालिका में पाँचवाँ स्थान हासिल किया जबकि पाकिस्तान इस बार अपना खाता भी नहीं खोल सका।
आस्ट्रेलिया के विक्टोरिया में वर्ष 1994 में हुए 15वें राष्ट्रमंडल खेलों में भारत छह स्वर्ण, 12 रजत और सात काँस्य सहित कुल 25 पदकों के साथ छठे स्थान पर रहा जबकि पाकिस्तान को तीन काँस्य के साथ 23वें नंबर से संतोष करना पड़ा।
एशिया की धरती पर पहली बार 1998 में कुआलालंपुर में हुए 16वें राष्ट्रमंडल खेलों में भारत सात स्वर्ण, दस रजत और आठ काँस्य सहित कुल 25 पदकों के साथ सातवें स्थान पर रहा जबकि पाकिस्तान एक ही रजत पदक जीत पाया और उसे पदकतालिका में 28वाँ स्थान मिला।
वर्ष 2002 में मैनचेस्टर में हुए 17वें राष्ट्रमंडल खेलों में भारत ने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए 30 स्वर्ण, 22 रजत और 17 काँस्य सहित कुल 69 पदकों के साथ चौथा स्थान हासिल किया जबकि पाकिस्तान एक स्वर्ण, तीन रजत और चार काँस्य के साथ कुल आठ पदकों के साथ 19वें स्थान पर रहा।
मेलबोर्न में हुए पिछले राष्ट्रमंडल खेलों में भारत ने 22 स्वर्ण. 17 रजत और 11 कांस्य सहित पदकों का अर्धशतक बनाते हुए अपना चौथा स्थान बरकरार रखा जबकि पाकिस्तान एक स्वर्ण, तीन रजत और एक काँस्य सहित कुल पाँच पदकों के साथ 17वें स्थान पर रहा।
भारत ने अब तक हुए 18 राष्ट्रमंडल खेलों में से 14 में भाग लिया था जबकि पाकिस्तान ने दस बार शिरकत की थी। भारत के खाते में 102 स्वर्ण, 97 रजत और 72 काँस्य समेत कुल 271 पदक हैं जबकि पाकिस्तान ने 22 स्वर्ण, 20 रजत और 18 काँस्य सहित कुल 60 पदक जीते हैं।
पाकिस्तान दिल्ली में तीन से 14 अक्टूबर तक होने वाले 19वें राष्ट्रमंडल खेलों में 125 एथलीटों और अधिकारियों का दल उतार रहा है। कुश्ती, पुरुष हॉकी, टेनिस और स्क्वैश में उसके पदक जीतने की संभावना है। (वार्ता)