Last Modified: नई दिल्ली ,
सोमवार, 20 जून 2011 (19:07 IST)
जेसीटी ने फुटबॉल से नाता तोड़ा
भारतीय फुटबॉल को तगड़ा झटका देते हुए पंजाब के जेसीटी क्लब ने सोमवार को पेशेवर फुटबॉल से खुद को अलग कर लिया। क्लब का कहना है कि लोगों की रूचि नहीं होने के कारण यह फैसला लिया गया।
इस कार्रवाई को लेकर लंबे समय से अटकलें लगाई जा रही थी। क्लब पिछले महीने आई लीग से निचले दर्जे में खिसक गया था।
जेसीटी के इस फैसले का असर फुटबॉल के विकास में कॉर्पोरेट सेक्टर को जोड़ने के अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ के प्रयासों पर भी पड़ सकता है।
क्लब की एक विज्ञप्ति में कहा गया कि जेसीसी लिमिटेड ने तब तक फुटबॉल से खुद को अलग करने का फैसला लिया है, जब तक कि भारत में फुटबॉल को युवाओं के बीच लोकप्रिय बनाने और इससे कॉर्पोरेट जगत को जोड़ने के उपाय नहीं किए जाते।’
विज्ञप्ति के मुताबिक जेसीटी लिमिटेड को कॉर्पोरेट होने के नाते अपने अंशधारकों को फुटबॉल टीम की उपयोगिता साबित करके दिखानी होगी। आज दुनिया भर में फुटबॉल टीमों को मैदान में दर्शक जुटाने के लिए उच्च स्तर पर एक्जपोजर की जरूरत है।’
जेसीटी ने 1996 में पहला फुटबॉल लीग जीता जिसे टीवी पर भारी तादाद में दर्शक मिले थे। इसके बाद से लीग को कोई एक्सपोजर नहीं मिला और ना ही टीमों पर किसी का ध्यान है। इससे एक साल पहले महिंद्रा युनाइटेड ने भी इन्हीं कारणों से खुद को खेल से अलग कर लिया था
जेसीटी के प्रमुख समीर थापर ने खेल की मार्केटिंग करने में नाकाम रहने पर एआईएफएफ की कड़ी आलोचना की थी।
उन्होंने इस बात पर नाराजगी जताई थी कि एआईएफएफ के आईएमजी रिलायंस के साथ पिछले साल 700 करोड़ रुपए का दस साल के लिए करार करने के बावजूद आई लीग के मैचों का सीधा प्रसारण नहीं होता है।
जेसीटी हालांकि जमीनी स्तर पर फुटबॉल से जुड़ा रहेगा और अपनी अकादमी भी बंद नहीं करेगा। (भाषा)