बदसूरत से खूबसूरत बॉडीबिल्डर बनने की कहानी (फोटो)
नई दिल्ली। भारत की सबसे मजबूत बॉडीबिल्डर्स में से एक और 'आयरन लेडी' के तौर पर प्रसिद्ध यासमीन मानक ने मिस एशिया बॉडीबिल्डिंग प्रतियोगिता में तीसरा स्थान हासिल करते हुए कांस्य पदक जीता है।
वे इसी वर्ष मार्च में इंडियन बॉडीबिल्डिंग फेडरेशन द्वारा आयोजित मिस इंडिया 2016 की विजेता रही हैं।
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दिल्ली में पैदा हुई यासमीन मानक 36 वर्षीय हैं और उनकी खेल यात्रा का आरंभ एक दुर्घटना के बाद हुआ। बचपन में गलत दवाइयों को दिए जाने के बाद यासमीन का न केवल शारीरिक रूप रंग बुरी तरह प्रभावित हुआ था बल्कि उनका वजन भी बहुत अधिक घट गया था। उनके चेहरे की सुंदरता भी गायब हो गई थी।
तब उन्हें बदसूरत कहा जाने लगा था जिसके चलते उन्होंने निश्चय किया कि वे अपनी कड़ी मेहनत से न केवल भाग्य बदलेंगी वरन अपनी शारीरिक सुंदरता को भी दोबारा हासिल करेंगी।
उन्होंने जिम (व्यायामशाला) को अपना नया कार्यस्थल बनाया और बॉडीबिल्डिंग में उनकी रुचि बढ़ती गई। वर्षों के दौरान उन्होंने कई सर्टिफाइड ट्रेनिंग कोर्स पूरे किए और उन्होंने देश की शरीर सौष्ठव प्रतियोगिताओं में भाग लेना शुरू किया।
आज वे न केवल सर्वश्रेष्ठ बॉडी बिल्डर हैं वरन वे दूसरों को भी इसके लिए प्रेरित करती हैं और अपना खुद का एक फिटनेस सेंटर भी चलाती हैं, जहां वे पुरुषों समेत 300 लोगों को ट्रेनिंग देती हैं।
खुद को बदसूरत को बताए जाने से दुखी मानक ने तय किया कि भले ही वे अपने चेहरे के बारे में कुछ नहीं कर सकती हैं लेकिन उन्होंने अपने शरीर को मजबूत और बदसूरत चेहरे को भी खूबसूरत बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी।
उनकी तीव्र इच्छा है कि वे देश में महिलाओं को बॉडीबिल्डिंग के क्षेत्र में प्रशिक्षित करें और इस क्षेत्र में उनकी रुचि को जाग्रत करें।
(Courtesy : facebook)