बुधवार, 16 अप्रैल 2025
  • Webdunia Deals
  1. खेल-संसार
  2. अन्य खेल
  3. समाचार
  4. Wrestling, Indore, Indian Army
Written By
Last Updated : बुधवार, 15 नवंबर 2017 (01:10 IST)

सेना के स्टार पहलवान इंदौर में दिखाएंगे अपने जौहर

National Wrestling Competition
इंदौर। सर्विसेस स्पोर्ट्‍स कंट्रोल बोर्ड (एसएससीबी) की टीम के पहलवान 15 से 18 अक्टूबर तक आयोजित होने जा रही 62वीं राष्ट्रीय सीनियर कुश्ती स्पर्धा में अपने जोहर दिखलाने के लिए बेताब हैं। एसएससीबी की यह टीम थलसेना, वायुसेना और नैवी तीनों के सर्वश्रेष्ठ पहलवानों मिलाकर बनती है। पिछली राष्ट्रीय स्पर्धा में भी सेना का दबदबा था और इस बार भी उसके कायम रहने के आसार नजर आ रहे हैं।
 
 
सर्विसेस स्पोर्ट्‍स कंट्रोल बोर्ड के कोच कश्मीर सिंह और शमशेर सिंह ने एक विशेष मुलाकात में बताया कि इस बार राष्ट्रीय स्पर्धा की ग्रीको रोमन कुश्ती मुकाबलों में 20 और फ्रीस्टाइल मुकाबलों में 10 पहलवान उतर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सेना को सिर्फ रेलवे के पहलवान ही टक्कर देते आए हैं।
 
कोलकाता में आयोजित पिछली राष्ट्रीय स्पर्धा में सेना की टीम ग्रीको रोमन में दूसरे स्थान पर रही थी। इस बार प्रदर्शन में सुधार की उम्मीद है। शमशेर और कश्मीर सिंह का ताल्लुक हरियाणा से है और वह पहली बार इंदौर आए हैं। उन्होंने कहा कि वे पहले कई बार मध्यप्रदेश से गुजरे जरूर लेकिन ऐसा मौका नहीं आया कि यहां के शहरों को देखें।
 
 
कश्मीर सिंह के अनुसार इस बार की राष्ट्रीय स्पर्धा में 2016 के ओलंपियन संदीप तोमर 57 ग्राम फ्रीस्टाइल में, ओलंपियन रवींद्र खथी 87 किलोग्राम ग्रीको रोमन में एशियन गेम्स के पदक विजेता के.के. यादव 71 किलोग्राम ग्रीको रोमन में और 130 किलोग्राम ग्रीको रोमन में गोल्डन ग्रैंड के कांस्य पदक विजेता नवीन पहलवान आकर्षण का केंद्र रहेंगे।

कश्मीर सिंह 74 किलोग्राम फ्रीस्टाइल में राष्ट्रीय चैम्पियन रह चुके हैं। उन्होंने विश्व सेना फ्रीस्टाइल कुश्ती में भी भारत का प्रतिनिधित्व किया था। वे अंतरराष्ट्रीय कोच और अंतरराष्ट्रीय रैफरी भी हैं।
भारतीय ग्रीको रोमन कुश्ती के मुख्य कोच कुलदीप सिंह भी इंदौर आए हुए हैं। उन्होंने कहा कि मैं नजबगढ़ का रहने वाला हूं और रियो ओलंपिक खेलों में भारतीय टीम का कोच भी रहा हूं। यहां की सुविधाओं से मैं संतुष्ट हूं। 
 
कुलदीप सिंह ने कहा कि मध्यप्रदेश के पहलवान प्रतिभाशाली हैं लेकिन उनका लेवल कम है। यहीं से पप्पू यादव और कृपाशंकर बिश्नोई भी निकले हैं। इन दोनों के बाद ऐसा कोई पहलवान सामने नहीं आया, जिसने राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान स्थापित की हो। राष्ट्रीय स्तर के लिए प्रदेश के पहलवानों को अतिरिक्त मेहनत करनी होगी। 
ये भी पढ़ें
अरे..! ट्विटर पर अब पंड्या भी नहीं बचे ..!