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Last Updated : मंगलवार, 18 अगस्त 2020 (17:57 IST)

स्वास्थ्य जोखिम का हवाला देकर राष्ट्रीय शिविर से हटीं विनेश, डब्ल्यूएफआई नाराज

स्वास्थ्य जोखिम का हवाला देकर राष्ट्रीय शिविर से हटीं विनेश, डब्ल्यूएफआई नाराज - Vinesh Phogat
नई दिल्ली। टोकियो ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने वाली एकमात्र भारतीय महिला पहलवान विनेश फोगाट कोविड-19 महामारी के बीच स्वास्थ्य चिंताओं का हवाला देकर राष्ट्रीय शिविर से हट गई हैं जिस फैसले से राष्ट्रीय महासंघ नाराज है। ओलंपिक वजन वर्ग के पहलवानों के लिए राष्ट्रीय शिविर 1 सितंबर से लखनऊ (महिला) और सोनीपत (पुरुष) में शुरू होगा। हालांकि विनेश लखनऊ की यात्रा करने को लेकर सहज नहीं थीं, क्योंकि महामारी के बीच उन्हें अपने स्वास्थ्य को लेकर डर है।
 
विनेश ने कहा कि मैं शिविर में हिस्सा नहीं लेने जा रही। मैं कोच ओमप्रकाश के साथ रोजाना ट्रेनिंग कर रही हूं, जो उस योजना का पालन करते हैं, जो मेरे निजी कोच वूलर एकोस हर हफ्ते मुझे भेजते हैं। लखनऊ की यात्रा करने के लिए स्थिति ठीक नहीं है।
 
विश्व चैंपियनशिप 2019 की कांस्य पदक विजेता ने कहा कि वे काफी आसानी से बीमार हो जाती हैं इसलिए वे अपने स्वास्थ्य को लेकर कोई जोखिम नहीं उठाना चाहतीं। मेरा पेट काफी संवेदनशील है। आप लखनऊ में भारतीय खेल प्राधिकरण (साइ) केंद्र से बाहर नहीं निकल सकते इसलिए आप अपने लिए जरूरत की चीजें नहीं ला सकते। लखनऊ में संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं लेकिन यहां हरियाणा में स्थिति सुरक्षित है इसलिए मैं यहां अधिक सहज हूं।
 
भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) हालांकि एशियाई खेलों की स्वर्ण पदक विजेता के कारणों से प्रभावित नहीं है। डब्ल्यूएफआई के सहायक सचिव विनोद तोमर ने कहा कि चयन समिति फैसला करेगी कि विनेश को छूट मिलेगी या नहीं? शिविर खिलाड़ियों के लिए है। हम चाहते हैं कि अब ओलंपिक के लिए तैयारी शुरू हो जाए और हम अपने फायदे के लिए दुकान नहीं चला रहे हैं, शिविर खिलाड़ियों के लिए है और जब वे इस तरह का अंदेशा जताते हैं तो यह हैरानीभरा होता है।
 
सुशील कुमार को राष्ट्रीय शिविर में हिस्सा लेने की जगह छत्रसाल स्टेडियम रहने और ट्रेनिंग की छूट पर तोमर ने कहा कि उनका मामला अलग है। हमें पता है कि छत्रसाल में बड़ी सुविधा है। वहां जिम है, मैट है और सुशील की ट्रेनिंग के लिए पर्याप्त जोड़ीदार हैं। हमें नहीं पता कि विनेश कौन से अखाड़े में ट्रेनिंग कर रही है, वहां किस तरह की सुविधाएं हैं? साइ टॉप्स के जरिए इन खिलाड़ियों का समर्थन करता है और कई विदेशी दौरों पर भेजता है। उन्हें इस बारे में सोचना चाहिए।
 
महिला शिविर 50, 53, 57, 62 और 68 किग्रा में शुरू होगा लेकिन डब्ल्यूएफआई 76 किग्रा वर्ग की पहलवान को भी ला सकता है, जो एक अन्य ओलंपिक वजन वर्ग है। पुरुष फ्रीस्टाइल शिविर सभी 6 ओलंपिक वजन वर्गों के साथ शुरू होगा जिसमें 65 किग्रा वर्ग भी शामिल है, जहां पदक के दावेदार बजरंग पूनिया प्रतिस्पर्धा पेश करते हैं।
 
तोमर ने कहा कि बजरंग अपने निजी कोच शाको बेनटिनिदिस के साथ सोनीपत में शिविर में होंगे। सिर्फ सुशील को छूट मिली है। बजरंग बेनटिनिदिस के साथ बेंगलुरु के इंस्पायर इंस्टीट्यूट फॉर स्पोर्ट्स में ट्रेनिंग कर रहे हैं। सुशील के 74 किग्रा वर्ग में चुनौती पेश करने वाले जितेंदर कुमार भी वहीं ट्रेनिंग कर रहे हैं। भारत ने पुरुष वर्ग में बजरंग (65 किग्रा), रवि दाहिया (57 किग्रा) और दीपक (86 किग्रा) के जरिए ओलंपिक कोटा हासिल किया है। 4 साल के डोपिंग प्रतिबंध के बाद नरसिंह यादव की वापसी से 74 किग्रा वर्ग और अधिक प्रतिस्पर्धी हो गया है। (भाषा)
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