शिव थापा फाइनल में, विकास को एशियाई चैंपियनशिप में कांस्य
ताशकंद। चौथी वरीयता प्राप्त शिव थापा (60 किग्रा) ने आज यहां ओलंपिक कांस्य पदक विजेता और शीर्ष वरीयता प्राप्त मंगोलियाई दोर्जनयामबुग ओटगोनडलाई को हराकर एशियाई मुक्केबाजी चैंपियनशिप के फाइनल में प्रवेश किया।
हालांकि मिडिलवेट (75 किग्रा) में शीर्ष वरीय विकास कृष्ण को कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा। उन्होंने सेमीफाइनल में अपने चौथी वरीयता प्राप्त कोरियाई प्रतिद्वंद्वी ली डोंगयुन को वाकओवर दे दिया था। एशियाई मुक्केबाजी परिसंघ के एक अधिकारी ने कहा, विकास कृष्णन आज सुबह वजन कराने के लिये नहीं आए इसलिए उनके दक्षिण कोरियाई प्रतिद्वंद्वी को फाइनल के लिये वाकओवर दे दिया गया।
यह पता नहीं चला कि विकास ने मुकाबले में क्यों वाकओवर दिया। आज का दिन हालांकि शिव थापा के नाम रहा, जिन्होंने बड़ी जीत दर्ज की। विश्व चैंपियनशिप के कांस्य पदक विजेता शिव एशियाई खेलों के स्वर्ण पदक विजेता मंगोलियाई के खिलाफ जजों के विभाजित फैसले में आगे बढ़ने में सफल रहे। फाइनल में उनका मुकाबला उज्बेकिस्तान के एलनूर अब्दुरैमोव से होगा, जिन्होंने सेमीफाइनल में चीन के जुन शान को हराया।
दो बार के ओलंपियन शिव ने शुरू में रक्षात्मक रवैया अपनाया और अपने प्रतिद्वंद्वी को परखने में कुछ समय लगाया। असल में तीन मिनट के पहले राउंड में दोनों मुक्केबाज आक्रमण करने में हिचकिचाते रहे।
असम के इस 23 वर्षीय मुक्केबाज ने 2013 में इस प्रतियोगिता में भारत के लिए स्वर्ण पदक जीता था। तब वह बैंथमवेट वर्ग में खेलते थे। अब वह एशियाई चैंपियनशिप में दो स्वर्ण पदक जीतने वाला पहला भारतीय बनने से केवल एक जीत दूर है। शिव ने 2015 में बैंथमवेट में ही कांस्य पदक जीता था लेकिन अब वह लाइटवेट वर्ग में खेलते हैं। वह पिछले साल दिसंबर से इस वर्ग में खेल रहे हैं। उनके लिए किसी अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में इस वर्ग में यह पहला पदक होगा। (भाषा)