फर्राटा धावक धरमवीर के डोप टेस्ट नाकाम रहने के संकेत
नई दिल्ली। रियो ओलंपिक से पहले भारत का डोप शर्मिंदगी का सिलसिला खत्म नहीं हो रहा और अब ऐसे संकेत हैं कि 200 मीटर के धावक धरमवीर सिंह पिछले महीने प्रतिस्पर्धा के भीतर हुए टेस्ट में प्रतिबंधित पदार्थ के सेवन के दोषी पाए गए हैं।
ओलंपिक में 36 साल बाद क्वालीफाई करने वाले भारत के पहले पुरुष फर्राटा धावक बने धरमवीर ने मंगलवार रात को रियो की फ्लाइट नहीं ली। ऐसी अटकलें हैं कि 11 जुलाई को बेंगलुरु में इंडियन ग्रां प्री मीट के दौरान राष्ट्रीय डोपिंग निरोधक एजेंसी द्वारा लिए गए उनके नमूने में अनाबालिक स्टेरायड पाया गया है। नाडा या भारतीय एथलेटिक्स महासंघ ने अभी इसकी पुष्टि नहीं की है।
धरमवीर को गुरुवार को रियो रवाना होना था लेकिन उन्हें रुकने के लिए कहा गया है। सूत्रों ने कहा कि नाडा ने उनसे पूछा है कि क्या वे अपने बी नमूने की जांच कराना चाहते हैं और उनके पास प्रक्रिया पूरी करने के लिए 7 दिन का समय है।
बी नमूना भी पॉजीटिव पाए जाने पर उनका ओलंपिक से बाहर रहना तय है और ऐसे में दूसरा अपराध होने के कारण उन पर 8 साल का प्रतिबंध भी लग सकता है। उन्हें 2012 में अंतर प्रांत चैंपियनशिप में 100 मीटर की दौड़ का स्वर्ण पदक गंवाना पड़ा था, जब उन्होंने जरूरी डोप टेस्ट नहीं दिया था। (भाषा)