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Last Modified: नई दिल्ली , रविवार, 11 मार्च 2018 (19:17 IST)

एआईटीए ने बोपन्ना की आपत्ति ठुकराई, पेस के साथ बनाई जोड़ी

एआईटीए ने बोपन्ना की आपत्ति ठुकराई, पेस के साथ बनाई जोड़ी - Rohan Bopanna AITA Leander Paes
नई दिल्ली। एआईटीए ने चयन मामलों से खिलाड़ियों को दूर रखने का कड़ा संदेश देते हुए रोहन बोपन्ना की आपत्ति के बावजूद आज लिएंडर पेस को डेविस कप टीम में शामिल किया। पांच सदस्यीय चयन समिति ने युकी भांबरी, रामकुमार रामनाथन, सुमित नागल, बोपन्ना और पेस के अलावा टीम में रिजर्व सदस्य के रूप में दिविज शरण को टीम में शामिल किया।


पूरव राजा को टीम से बाहर कर दिया गया, जिसकी उम्मीद थी क्योंकि कनाडा के खिलाफ विश्व ग्रुप प्ले ऑफ मुकाबले में उनका प्रदर्शन अच्छा नहीं था। एआईटीए में सूत्रों के अनुसार गैर खिलाड़ी कप्तान महेश भूपति ने चयन समिति के चेयरमैन को लिखा था कि सीनियर पेशेवर खिलाड़ी बोपन्ना चीन के खिलाफ मुकाबले के लिए 'टीम से बाहर’ रहना चाहते हैं, ताकि पेस को अपना डेविस कप विश्व रिकॉर्ड पूरा करने का मौका मिल जाए।

वह इस तरह से संदेश देना चाह रहे थे कि वह इस मुकाबले के लिए पेस के साथ जोड़ी बनाने के इच्छुक नहीं थे। चयनकर्ताओं ने हालांकि बोपनना और पेस दोनों को टीम में शामिल किया है, जिससे अब बोपन्ना को फैसला करना होगा कि वह तेनजिन में छह-सात अप्रैल को होने वाले मुकाबले में खेलना चाहते हैं या नहीं।

एआईटीए अधिकारी ने कहा, ‘कल कार्यकारिणी की बैठक में इस मामले पर चर्चा हुई थी और कप्तान के अनुसार रोहन अब भी आहत हैं और उनके (बोपन्ना और पेस) बीच में कोर्ट पर कोई तालमेल नहीं है। कप्तान को यह भी लगता है कि सिर्फ लिएंडर ही बोपन्ना को उनके साथ खेलने के लिए मना सकते हैं और इसके लिए उन्हें बोपन्ना से बात करनी चाहिए।’

एआईटीए अधिकारी ने कहा कि बोपन्ना का फैसला काफी अहम होगा। अधिकारी ने कहा कि बोपन्ना को अब भी सरकारी अनुदान मिलता है और उन्हें इस बात को भी ध्यान रखना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘देखिए, उसे (बोपन्ना) को सरकारी अनुदान मिलता है। अगर वह व्यक्तिगत मतभेदों को नहीं भुलाते और देश के लिए खेलने से इनकार करते हैं तो एआईटीए ऐसे खिलाड़ियों का समर्थन नहीं करेगा।

उन्हें भारत के लिए साल में दो या तीन बार ही खेलना पड़ता है। क्या वे दो हफ्ते के लिए बिना किसी एजेंडे के नहीं खेल सकते।’ बोपन्ना और पेस के बीच मतभेद 2012 से शुरू हुए, जब दोनों से लंदन ओलंपिक की तैयारी के लिए एक साथ एटीपी टूर पर खेलने की उम्मीद थी लेकिन बाद में बोपन्ना ने पेस के साथ जोड़ी बनाने से इनकार कर दिया और एआईटीए को भूपति के साथ उनकी जोड़ी बनानी पड़ी।

पेस को पुरुष युगल स्पर्धा में विष्णु वर्धन के साथ खेलना पड़ा। मिश्रित युगल में सानिया मिर्जा के साथ उनकी जोड़ी बनाई गई जिन्होंने निराशा व्यक्त की कि एआईटीए ने पेस को शांत करने के लिए‘ उन्हें’ मोहरा बनाया। इस बीच 44 वर्षीय पेस को अप्रैल 2017 में उज्बेकिस्तान के खिलाफ मुकाबले से बाहर कर दिया गया। उन्होंने कहा कि उन्हें बोपन्ना के साथ खेलने में कोई समस्या नहीं है।

पेस ने कहा, ‘मैं भारतीय टीम में वापसी करके खुश हूं। मैंने कड़ी मेहनत की और अपनी रैंकिंग में सुधार किया। मैं रोहन के साथ खेलने को तैयार हूं। हम एक अच्छी जोड़ी बन सकते हैं। मैं बतौर खिलाड़ी रोहन का सम्मान करता हूं।’ बेंगलुरु ड्रामे के बाद पेस टीम से बाहर ही चल रहे हैं, कप्तान महेश भूपति ने छह सदस्यीय टीम में उनकी मौजूदगी के बावजूद उन्हें शुरुआती टीम में शामिल नहीं किया।

पेस अमेरिका से बेंगलुरु पहुंचे और टीम से बाहर किए जाने के बाद वह मुकाबले के बीच में ही छोड़कर चले गए। पेस ने दुबई में एटीपी 500 प्रतियोगिता में शानदार प्रदर्शन के बूते रैंकिंग में शीर्ष 50 में वापसी की है और वह अभी 46 वें स्थान पर हैं। इस टूर्नामेंट में वह जेमी सेराटानी के साथ उप विजेता रहे थे।

शरण की रैंकिंग 44 है, वह बोपन्ना (20) के बाद दूसरे ऊंची रैंकिंग के खिलाड़ी हैं और 2012 के बाद उनकी टीम में वापसी हुई है। चयन समिति के चेयरमैन एस पी मिश्रा से जब पूछा गया कि शरण को बेहतर रैंकिंग के बावजूद रिजर्व खिलाड़ियों में क्यों रखा गया तो उन्होंने कहा, ‘पेस भले ही दिविज से रैंकिंग में नीचे हों लेकिन डेविस कप में उन्होंने काफी अच्छा प्रदर्शन किया है। उन्हें साथ ही विश्व रिकार्ड बनाने का मौका भी मिलेगा।’ बोपन्ना को बार-बार मैसेज किए गए लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। (भाषा)
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