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Last Modified: रविवार, 2 अप्रैल 2017 (20:30 IST)

कैरोलिना को हराकर पीवी सिंधु बनीं 'इंडिया ओपन की क्वीन'

कैरोलिना को हराकर पीवी सिंधु बनीं 'इंडिया ओपन की क्वीन' - PV Sindhu, PV Sindhu Champion
नई दिल्ली। ओलंपिक रजत पदक विजेता भारत की पीवी सिंधु ने स्पेन की कैरोलिना मारिन से रियो ओलंपिक के स्वर्ण पदक मुकाबले की हार का बदला चुकाते हुए रविवार को 21-19, 21-16 की जीत के साथ बीडब्ल्यूएफ मेटलाइफ योनेक्स सनराइज सुपर सीरीज इंडिया ओपन बैडमिंटन टूर्नामेंट का खिताब पहली बार जीत लिया।
             
सिंधु ने पहली बार इंडिया ओपन का खिताब जीता है और इसके साथ ही वह भारतीय बैडमिंटन की निर्विवाद रूप से 'क्वीन' बन गई हैं। तीसरी सीड सिंधु ने शीर्ष वरीयता प्राप्त तथा विश्व और ओलंपिक चैंपियन मारिन से खिताबी मुकाबला 46 मिनट में अपने नाम कर करियर की सबसे बड़ी जीत हासिल की। 
           
सिंधु के मुकाबले को देखने के लिए सीरीफोर्ट स्टेडियम दर्शकों से खचाखच भरा हुआ था और भारतीय स्टार ने पूरे मैच में गजब का प्रदर्शन किया। खिताब जीतने का अंक मिलते ही सिंधु ने चैंपियन की हुंकार लगाई और स्टेडियम में तिरंगे लहरा उठे। केंद्रीय खेल मंत्री विजय गोयल इस ऐतिहासिक अवसर के गवाह बने। गोयल के दूसरे गेम के दौरान स्टेडियम पहुंचे थे। 
 
इंडिया ओपन के इतिहास में यह चौथा मौका है जब भारतीय खिलाड़ी ने यहां खिताब जीता। सायना नेहवाल ने 2010 और 2015 में तथा किदांबी श्रीकांत ने 2015 में इंडिया ओपन के खिताब जीते थे। सिंधु को रियो ओलंपिक के स्वर्ण पदक मुकाबले में मारिन ने 19-21, 21-12, 21-15 से हराया था, लेकिन सिंधु ने अब उस हार का बदला चुका लिया।
       
सिंधु ने गत वर्ष के आखिर में दुबई वर्ल्ड सुपर सीरीज फाइनल्स के ग्रुप मैच में मारिन को हराया था जबकि मारिन ने इस वर्ष जनवरी में इसी कोर्ट पर सिंधु को प्रीमियर बैडमिंटन लीग (पीबीएल) में पराजित किया था। दोनों खिलाड़ियों के बीच करियर का यह 10वां मुकाबला था। दोनों पहली बार 2010 की विश्व जूनियर चैंपियनशिप में आमने-सामने हुई थी और तब भारतीय खिलाड़ी विजेता बनीं थी। 
       
सिंधु ने इस जीत के साथ मारिन के खिलाफ अपना करियर रिकॉर्ड 5-5 कर लिया है। विश्व रैंकिंग में पांचवें नंबर की खिलाड़ी सिंधु ने तीसरे नंबर की मारिन के खिलाफ मैच में हर लिहाज से चैंपियन जैसा प्रदर्शन किया। सिंधु के लिए मैच का सबसे महत्वपूर्ण अंक पहले गेम में 18-19 के स्कोर पर था जब उन्होंने 316 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार का स्मैश लगाया और फिर मारिन के रिटर्न पर लाजवाब ड्रॉप खेलकर 19-19 से बराबरी कर ली।  
         
यह पूरे मैच का सबसे महत्वपूर्ण अंक था जिसके बाद सिंधु ने लगातार दो अंक लेकर 21-19 से पहला गेम जीत लिया और मारिन पर मनोवैज्ञानिक दबाव बना लिया। सिंधु ने मैच के दौरान कई शॉट में गजब की प्लेसमेंट दिखाई और पूरे कोर्ट में मारिन को छकाया। दूसरे गेम में तो सिंधु ने दो बार नेट पर झपटते हुए किलर शॉट से दो अंक हासिल किए, जिससे उन्हें 16-13 और फिर 19-14 की बढ़त हासिल हुई। सिंधु ने विश्व और ओलंपिक चैंपियन मारिन को कई बार गलतियां करने के लिए भी मजबूर किया। 
           
मारिन ने ओलंपिक फाइनल में सिंधु से पहला गेम हारने के बाद अगले दो गेम जीते थे। लेकिन इस बार भारतीय खिलाड़ी ने पहला गेम उसी 21-19 के अंतर से जीतने के बाद मारिन को वापसी करने का कोई मौका नहीं दिया। फाइनल में सिंधु वही पीले रंग की ड्रेस में उतरी जो उन्होंने क्वार्टर फाइनल में सायना नेहवाल को हराने के दौरान पहनी थी। 
              
पहले गेम का पहला अंक मारिन ने स्मैश से लिया। लेकिन फिर तीन बार रिटर्न बाहर खेलकर अंक गंवाएं। सिंधु ने जल्द ही 6-1 की बढ़त बना ली। भारतीय खिलाड़ी ने स्मैश से ज्यादा ड्रॉप शॉट और प्लेसमेंट का इस्तेमाल किया। उन्होंने अपनी बढ़त को 7-4, 10-7, 14-12 और 16-14 पहुंचा दिया। लेकिन मारिन ने एक ड्राप से मैच में पहली बार 16-16 पर बराबरी हासिल की। स्कोर फिर 18-18 भी पहुंचा।
             
मारिन ने पहली बार 19-18 पर जाकर बढ़त बनाई। लेकिन सिंधु ने फिर लगातार तीन अंक लेकर 21-19 से पहला गेम समाप्त कर दिया। दूसरे गेम में सिंधु ने जल्द ही 4-0 और 6-2 की बढ़त बना ली। मारिन ने वापसी करते हुए स्कोर 7-8 किया। लेकिन सिंधु इस बार कतई ढिलाई के मूड में नहीं थी। उन्होंने 11-7, 14-9 और 15-10 से अपनी बढ़त मजबूत कर मैच पर शिकंजा कस लिया। बाजी मारिन के हाथ से फिसलती जा रही थी। उन्होंने भरपूर कोशिश की लेकिन सिंधु के जबर्दस्त खेल और भारतीय समर्थकों के शोर के आगे उनका संघर्ष जवाब देने लगा।
           
ओलंपिक रजत विजेता सिंधु ने नेट पर झपटते हुए अंक लेकर अपनी बढ़त को 19-14 पहुंचा दिया। बस अब तो जीत का औपचारिकता बाकी रह गई थी और सिंधु ने जल्द ही 21-16 के स्कोर पर दूसरा गेम और मैच समाप्त कर दिया। सिंधु इंडिया  ओपन की चैंपियन बन गई और उन्होंने खुशी से उछलते हुए दर्शकों का अभिवादन किया। पूरा स्टेडियम सिंधु-सिंधु से गूंज रहा था और तिरंगे के बीच भारत को इंडिया ओपन में नई चैंपियन मिल गई। (वार्ता)
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