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Written By WD Sports Desk
Last Modified: मंगलवार, 4 फ़रवरी 2025 (13:05 IST)

महाराष्ट्र केसरी कुश्ती मुकाबलों में मची अफरा-तफरी; हारने वाले पहलवान ने रेफरी के सीने पर मारी लात [VIDEO]

महाराष्ट्र केसरी कुश्ती मुकाबलों में मची अफरा-तफरी; हारने वाले पहलवान ने रेफरी के सीने पर मारी लात [VIDEO] - Maharashtra Kesari wrestling bouts descend into chaos, loser kicks referee on the chest
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Maharashtra Kesari Wrestling Competition :  'महाराष्ट्र केसरी' कुश्ती प्रतियोगिता के 67वें सत्र के मुकाबले के दौरान हारने वाले एक पहलवान ने रेफरी के सीने पर लात मार दी जबकि एक अन्य पहलवान ने उन्हें गालियां दी जिससे प्रतियोगिता में अफरा-तफरी का माहौल रहा।
 
यह टूर्नामेंट रविवार को अहिल्यानगर में महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार (Ajit Pawar) और केंद्रीय मंत्री मुरलीधर मोहोल (Murlidhar Mohol) की मौजूदगी में आयोजित किया गया था।
 
पुणे के पहलवान पृथ्वीराज मोहोल (Prithviraj Mohol) को मैट वर्ग के सेमीफाइनल में विजेता घोषित किए जाने के बाद उनके प्रतिद्वंद्वी शिवराज राक्शे (Shivraj Rakshe) ने फैसले का विरोध करते हुए रेफरी के सीने पर लात मार दी।
 
‘महाराष्ट्र केसरी’ के दो बार के विजेता रक्शे ने कहा, ‘‘ मेरा कंधा मैट से नहीं टकराया था लेकिन रेफरी ने मेरी हार का फैसला सुना दिया। मैं जब अपने मामले को लेकर उनसे बहस कर रहा था तब मेरे साथ बदतमीजी की गई। इसीलिए मैंने ऐसा कदम (लात मारना) उठाया।

कुश्ती संस्था द्वारा तीन साल के लिए निलंबित किए गए रक्शे ने कहा कि रेफरी के खिलाफ भी इसी तरह की कार्रवाई की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि वह फैसले के खिलाफ अदालत जाएंगे।
 
महाराष्ट्र कुश्ती संगठन (Maharashtra Wrestling Organisation) के कार्यकारी अध्यक्ष संदीप भोंडवे ने कहा कि ‘बाउट’ के दौरान रेफरी ने पुष्टि की कि रक्शे गिर गया था। साइड रेफरी और मैट चेयरमैन ने भी रेफीरी के फैसले का समर्थन किया।
 
उन्होंने कहा, ‘‘ ‘यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग’ के अनुच्छेद 31 के तहत फैसले को रक्शे की चुनौती स्वीकार नहीं की गई। इस घटना के बाद रेफरी डर गए हैं और हो सकता है कि वे भविष्य में ऐसे टूर्नामेंटों में नहीं आएं।’’
 
इसके बाद मोहोल और महेंद्र गायकवाड के बीच फाइनल मैच के दौरान भी विवाद हुआ। गायकवाड़ ने 16 सेकेंड शेष रहते मुकाबला छोड़ दिया और बाद में रेफरी पर अभद्र टिप्पणी की। गायकवाड़ को भी तीन साल के लिए निलंबित कर दिया गया।

मोहोल ने प्रतिष्ठित ‘महाराष्ट्र केसरी’ खिताब जीतने के बाद कहा कि यह उनके कुश्ती करियर का सबसे बड़ा क्षण था।
 
मोहोल ने कहा, ‘‘मैं रेफरी के फैसले के बारे में कुछ नहीं कह सकता। रेफरी का फैसला अंतिम होता है। मैं एक पहलवान हूं और मैंने अपना काम किया है।’’ (भाषा)