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Last Updated : मंगलवार, 1 मई 2018 (20:21 IST)

देश की पहली महिला हैवीवेट पहलवान बनीं किरण बिश्नोई

देश की पहली महिला हैवीवेट पहलवान बनीं किरण बिश्नोई - Kiran Godara Bishnoi, Commonwealth Games 2018
- कृपाशंकर बिश्नोई (अर्जुन अवॉर्डी)

हिसार। गोल्ड कोस्ट ऑस्ट्रेलिया में आयोजित कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत की झोली में दो मेडल डालने वाली हिसार की बेटियों से प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति ने मुलाकात की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कुश्ती खिलाड़ी किरण गोदारा बिश्नोई और पूजा ढांडा को विशेष रूप से बधाई दी। इस दौरान कॉमनवेल्थ में मेडल जीतने वाले अन्य खिलाड़ियों को भी प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति ने शुभकामनाएं दीं।


हरियाणा के सभी खिलाड़ियों से मिलने के दौरान प्रधानमंत्री काफी उत्साहित नजर आए। उन्होंने मन की बात में भी हरियाणा के खिलाड़ियों को लेकर अपनी बात रखी थी। गौरतलब है कि दस दिवसीय राष्ट्रमंडल खेलों में हरियाणा का दबदबा रहा था। देश के लिए सबसे ज्यादा मेडल हरियाणा के खिलाड़ियों ने ही झटके थे। हिसार की बेटी किरण गोदारा बिश्नोई ने हैवीवेट चैंपियनशिप में पहली बार देश को कांस्य पदक दिलाया था।

इसी जीत के साथ उन्होंने एक कीर्तिमान भी स्थापित कर दिया। महिला हैवीवेट में पदक जितने वाली किरण देश की पहली महिला पहलवान बन गई हैं, इससे पहले, कोई भी भारतीय महिला पहलवान राष्ट्रमंडल खेलों के सुपर हैवीवेट में यह कारनामा नहीं कर पाईं। वहीं पूजा ढांडा ने भी बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए रजत पदक अपने नाम किया। इसके बाद दोनों ही महिला पहलवानों का हिसार में भव्य स्वागत किया गया। इस जीत पर उनके परिजन गदगद हो गए और उन्होंने मिठाई बांटकर बेटी की जीत का जश्न मनाया।

इससे पहले साउथ अफ्रीका में चल रही कॉमनवेल्थ कुश्ती वूमन प्रतियोगिता में 72 किलोग्राम भार वर्ग में किरण गोदारा ने गोल्ड मेडल पर कब्जा किया था, जिसके आधार पर इनका चयन कॉमनवेल्थ के लिए हुआ था। सेक्टर पंद्रह निवासी किरण गोदारा कोच विष्णुदास की देखरेख में पिछले कई सालों से महाबीर स्टेडियम में प्रशिक्षण ले रही हैं।

किरण गोदारा अपना आदर्श अपने नाना रामस्वरूप खिचड़ कालीरावणा को मानती हैं जो खुद पहलवान थे और उन्होंने किरण को पहलवानी करने के लिए प्रेरित किया। बुगाना गांव निवासी और वर्तमान में हिसार में रह रहीं पूजा ढांडा के नाम भी कई बड़ी उपलब्धि रही हैं। वो हिसार के महाबीर स्टेडियम में कोच के पद पर भी कार्यरत हैं। एक हादसे में चोटिल होने वाली पूजा ढांडा ने लंबे अर्से के बाद वापसी की और देश का मान बढ़ाया।
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