जकार्ता। इंडोनेशिया के जकार्ता और पालेमबंग में 18वें एशियाई खेलों का रविवार को खुशनुमा यादों, भावुक माहौल और चार साल बाद चीन के हांगझाओ में फिर से मिलने के वादे के साथ समापन हो गया। इंडोनेशिया ने 1962 के बाद 2018 में एशियाई खेलों का सफल आयोजन कर यह साबित किया कि वह भविष्य में बड़े खेल आयोजनों की मेजबानी करने के लिए पूरी तरह से तैयार है।
जकार्ता के ऐतिहासिक गेलोरा बंग कार्नो स्टेडियम में झिलमिलाती रोशनी, कर्णप्रिय संगीत और खूबसूरत नृत्यों के साथ इन खेलों का समापन हो गया। 45 देशों के एथलीटों ने 15 दिनों तक चले मुकाबलों के बाद एक-दूसरे को गले लगाकर भावभीनी विदाई दी। विजेता एथलीटों के गले में उनके पदक शोभायमान हो रहे थे।
इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो ने इन खेलों के सफल आयोजन के लिए सभी को धन्यवाद दिया। भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्रपति विडोडो और इंडोनेशिया के लोगों को इन खेलों के सफल आयोजन के लिए बधाई दी।
एशियाई ओलंपिक परिषद के अध्यक्ष शेख अहमद अल-फहद ने खेलों के समापन की घोषणा की और एशियाई खेलों के ध्वज को नीचे उतारा गया। एशियाई खेलों की मशाल को शेख अहमद को लौटाया गया, जिन्होंने इसे चीन की ओलंपिक परिषद के अध्यक्ष को सौंपा, जहां 2022 में अगले एशियाई खेलों का आयोजन होगा। चीन की तरफ से अगले खेलों की तैयारियों के लिए झलक भी दिखाई गई, चीन का ध्वज फहराया गया और चीन का राष्ट्रगान बजाया गया।
समापन समारोह में आसमान से भी कुछ बूंदें बरसीं। शेख अहमद ने इस भव्य आयोजन के लिए सभी का शुक्रिया अदा करते हुए कहा, 'आज बादल भी आंसू बहा रहे हैं क्योंकि उन्हें भी इस खूबसूरत सफर के अंत का दु:ख है।'
शेख अहमद ने खासतौर पर उन 13 हजार वॉलेंटियर्स को विशेष रूप से शुक्रिया कहा, जिन्होंने इन खेलों को सफल बनाने के लिए दिन-रात एक कर दिया। उन्होंने इन खेलों की सर्वश्रेष्ठ एथलीट चुनी गईं जापान की युवा तैराक रिकाको इकी को भी बधाई दी, जिन्होंने छह स्वर्ण और दो रजत सहित कुल आठ पदक जीते।
समारोह में मौजूद खिलाड़ियों ने प्रतिस्पर्धाओं के तनाव से मुक्त होकर इस माहौल का पूरा मजा लिया। खिलाड़ी जश्न मना रहे थे, अपने फोन के फ्लैश से इन यादगार लम्हों को कैद कर लेना चाहते थे, संगीत पर जम कर मस्ती हो रही थी और खिलाड़ियों के जश्न में वॉलेंटियर्स भी शामिल हो गए थे। इंडोनेशिया की सेनाओं ने अपने बैंड के साथ परफार्म किया। स्टेडियम में हर तरफ फ्लैश लाइट को देखकर ऐसा लग रहा था मानो आसमान के तारे जमीन पर उतर आए हों।
शेख अहमद ने एशिया के सभी खिलाड़ियों से चार साल बाद चीन के हांगझाओ में मिलने का आह्वान करते हुए एशियाई ओलंपिक परिषद का ध्वज हांगझाओ के मेयर जू ली यी को सौंप दिया। समापन समारोह का सबसे भावुक पल तो उस समय आया जब 15 दिनों से जल रही एशियाई खेलों की ज्योति को बुझा दिया गया। इसे अब अगले एशियाई खेलों के समय प्रज्ज्वलित किया जाएगा।
समापन समारोह में खिलाड़ियों के मार्च पास्ट में भारतीय दल की अगुवाई रजत विजेता हॉकी टीम की कप्तान रानी रामपाल ने की। इन खेलों के उद्घाटन समारोह में भारतीय दल की अगुवाई भाला फेंक एथलीट नीरज चोपड़ा ने की थी, जिन्होंने इन खेलों में ऐतिहासिक प्रदर्शन करते हुए स्वर्ण पदक जीता।
उद्घाटन समारोह में जहां इंडोनेशिया की सांस्कृतिक विरासत की झलक पेश की गयी थी वहीं समापन समारोह में आधुनिक संगीत ने चार चांद लगा दिए। समापन समारोह में बॉलीवुड भी पीछे नहीं रहा और बॉलीवुड के गाने पेश किए गए जिस पर भारतीय खिलाड़ी झूम उठे। भारत ने इन खेलों में 15 स्वर्ण सहित कुल 69 पदक जीतकर एशियाई खेलों के इतिहास का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया।
बॉलीवुड के बादशाह शाहरुख खान के 'कोई मिल गया' और 'तुम पास आए' जैसे गानों को सिद्धार्थ ने गाकर समा ही बांध दिया और जब एआर रहमान का 'जय हो' का गाना गूंजा तो पूरा स्टेडियम भारतमय हो उठा। गायक जीजी, बैंस और सैम सिंमाजतुक ने अपने परफार्मेंस से संदेश दिया कि एकसाथ रहकर हम बहुत आगे जा सकते हैं।
समारोह के बाद आसमान भव्य आतिशबाजी से जगमगा उठा और सभी एथलीटों ने बेहद भावुक माहौल में एक दूसरे को अलविदा कहा। एशियाई खेलों का सफर अब 19वें खेलों के लिए चार साल बाद 2022 में चीन पहुंचेगा।