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Last Updated : बुधवार, 18 जनवरी 2023 (20:09 IST)

जानें पहलवानों ने क्यों खोला महासंघ के अध्यक्ष के खिलाफ मोर्चा, बजरंग ने किया ट्वीट

जानें पहलवानों ने क्यों खोला महासंघ के अध्यक्ष के खिलाफ मोर्चा, बजरंग ने किया ट्वीट - Indian wrestlers lining up against president of Federation for highheadedness
नई दिल्ली:ओलंपिक पदक विजेता बजरंग पूनिया और साक्षी मलिक समेत कई अन्य दिग्गज पहलवानों ने भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्लूएफआई) के खिलाफ ने अपनी आवाज बुलंद की है।
 
पुनिया समेत कई पहलवानों ने बुधवार को जंतर मंतर पर विरोध प्रदर्शन कर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सांसद बृजभूषण सिंह के नेतृत्व में भारतीय कुश्ती महासंघ के कामकाज के प्रति खिन्नता का इजहार किया।
 
बजरंग ने यहां पत्रकारों से कहा “ कुश्ती फेडरेशन के अध्यक्ष हमें गालियां देते हैं। उनका रवैया तानाशाही का है। वास्तव में कुश्ती महासंघ में बैठे कुछ लोगों को खेल का ज्ञान नहीं है। पहलवान इस तानाशाही को बर्दाश्त करने के मूड में नहीं है। ”
 
इससे पहले उन्होने ट्वीट किया “ फेडरेशन का काम खिलाड़ियों का साथ देना, उनकी खेल की जरूरतों का ध्यान रखना होता है। कोई समस्या हो तो उसका निदान करना होता है। लेकिन अगर फेडरेशन ही समस्या खड़ी करे तो क्या किया जाए। अब लड़ना पड़ेगा, हम पीछे नहीं हटेंगे।”
 
उन्होने कहा “ खिलाड़ी पूरी मेहनत कर के देश को मेडल दिलाता हैं लेकिन फेडरेशन ने हमें नीचा दिखाने के अलावा कुछ नहीं किया। मनचाहे क़ायदे क़ानून लगा कर खिलाड़ियों को प्रताड़ित किया जा रहा है।”
 
बजरंग ने कहा “ जान से मारने की धमकी मिलने के बाद से हमने किसी से संपर्क नहीं किया। बृजभूषण ने ओलंपिक के बाद मुझसे बात करने से इंकार कर दिया। हम महासंघ में बदलाव चाहते हैं।”
 
गौरतलब है कि भारतीय कुश्ती महासंघ ने सभी पहलवानों को ट्रायल में अपनी उपस्थिति दर्ज कराना अनिवार्य कर दिया है जबकि पहलवानो ने इस ऐलान को तुगलकी करार देते हुये विरोध करने का फैसला किया है। उनका कहना है कि राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में खुद की क्षमता को साबित करने के बाद ट्रायल का कोई औचित्य नहीं है।
ओलंपिक पदक विजेता साक्षी मलिक ने बजरंग के विरोध का समर्थन करते हुये कहा कि वास्तव में फेडरेशन में बैठे लोगों को खेल के बारे में रत्ती भर ज्ञान नहीं है। उन्होने ट्वीट किया “ खिलाड़ी पूरी मेहनत कर के देश को मेडल दिलाता हैं लेकिन फेडरेशन ने हमें नीचा दिखाने के अलावा कुछ नहीं किया। मनचाहे क़ायदे क़ानून लगा कर खिलाड़ियों को प्रताड़ित किया जा रहा है। ”
 
उन्होने कहा “ खिलाड़ी उस टूर्नामेंट में नहीं जा सकते जिस पर उन पर प्रतिबंध लगा हो। फेडरेशन वाले कुश्ती नहीं जानते। अगर आप हर महीने अपना वजन कम करती हैं तो आप प्रतिस्पर्धा कैसे करेंगी। मैने ओलंपिक के बाद राष्ट्रीय खेलों में शिरकत की। वह हमारा नाम शिविर में नहीं डालते। काफी मशक्कत के बाद प्रशिक्षण शिविर में हमारा नाम आया। ” उन्होने सवाल किया कि क्या नीरज चोपड़ा, पीवी सिंधु फिटनेस टेस्ट देते हैं।
 
भारतीय कुश्ती संघ के सहायक सचिव विनोद तोमर ने कहा “ मुझे पता चला कि कुछ पहलवान विरोध में यहां बैठें है तो मै उनकी समस्या पूछने यहां आया हूं। मुझे अभी तक नहीं बताया कि मामला क्या है। अभी तक मेरे या फेडरेशन के सामने इस तरह का कोई मुद्दा नहीं उठाया गया है। फेडरेशन पहलवानो की सभी समस्यायों का निराकरण करेगी।”
 
एशिया और राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाले पहली महिला पहलवान विनेश फोगाट ने कहा “ मैंने ट्रायल दिया और राष्ट्रमंडल खेल में भाग लिया। वह कहते हैं कि हम प्रतिस्पर्धा करने से डरते हैं। उन्होंने मुझे ट्रायल में भाग लेने के लिए मजबूर किया। वे विश्व चैंपियनशिप को राष्ट्रीय चैंपियनशिप के रूप में देखते हैं। अगर मेरे साथ ऐसा नहीं होता तो मैं गोल्ड जीत जाती। मुझे क्या चोट लगी है, यह जानने के लिए किसी ने मुझसे संपर्क नहीं किया। वे मुझे खोटा सिक्का कहते थे।”(वार्ता)
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