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Last Modified: सोमवार, 22 फ़रवरी 2021 (19:12 IST)

5 स्वर्ण के साथ भारतीय महिला मुक्केबाज एड्रियाटिक पर्ल टूर्नामेंट में रही नंबर 1

5 स्वर्ण के साथ भारतीय महिला मुक्केबाज एड्रियाटिक पर्ल टूर्नामेंट में रही नंबर 1 - Indian women boxers shines at adriyatic pearl tournament
नई दिल्ली:भारतीय महिला मुक्केबाजों ने मोंटेनेग्रो के बुडवा में आयोजित 30वें एड्रियाटिक पर्ल मुक्केबाजी टूर्नामेंट के अंतिम दिन चमकदार खेल दिखाते हुए दो स्वर्ण पदक पक्के किए। अंतिम दिन की सफलता के बूते भारतीय महिला दल ने पदक तालिका में कुल 10 पदकों के साथ पहला स्थान हासिल कर नया कीर्तिमान स्थापित किया।
 
बेबीरोजीसाना चानू ने 51 किग्रा वर्ग में और अरुंधति चौधरी ने 69 किग्रा वर्ग में स्वर्ण हासिल किया जबकि लकी राणा ने रजत पदक हासिल किया। इन सबकी सफलता के बूते भारतीय महिलाएं कुल 10 पदकों (पांच स्वर्ण, तीन रजत और दो कांस्य) के साथ टॉप टीम के तौर पर उभरी। उजबेकिस्तान ने दो स्वर्ण के साथ दूसरा और चेक गणराज्य ने एक स्वर्ण के साथ तीसरा स्थान हासिल किया।
 
तीन बार की खेलो इंडिया गोल्ड मेडलिस्ट राजस्थान निवासी अरुंधति ने एक बार फिर अपना वर्चस्व दिखाते हुए यूक्रेन की मुक्केबाज मारयाना स्टोइको को एकतरफा अंदाज में 5-0 से हराया।
 
मणिपुर की चानू, जिन्होंने एमसी मैरी कोम अकादमी में प्रशिक्षण प्राप्त किया है को हालांकि एशियाई जूनियर चैम्पियन उजबेकिस्तान की सबीना बोबोकुलोवा के खिलाफ जीत हासिल करने के लिए मेहनत करनी पड़ी। कड़े मुकाबले में चानू को सबीना के खिलाफ 3-2 से जीत मिली। इस जीत के साथ चानू ने अपने वर्ग में स्वर्ण जीता।
 
इस बीच, 64 किग्रा वर्ग के फाइनल में लकी को हालांकि फिनलैंड की मुक्केबाज लिया पुकिला के हाथों 0-5 से हार का सामना करना पड़ा। लकी को इस हार के बाद रजत से संतोष करना पड़ा।
 
अल्फिया पठान (+81), विंका (60) और टी. सानामाचा चानू (75 किग्रा) अन्य भारतीय महिला मुक्केबाज हैं, जिन्होंने इस टूर्नामेंट में इससे पहले अपने-अपने वर्ग में स्वर्ण पदक हासिल किए थे। अपने शानदार प्रदर्शन के लिए, विंका को टूर्नामेंट की सर्वश्रेष्ठ महिला मुक्केबाज का पुरस्कार मिला।
 
पुरुष वर्ग में दो पदकों के साथ, 19 सदस्यीय भारतीय मुक्केबाजी टीम ने अपने अभियान का समापन कुल 12 पदकों के साथ दूसरे स्थान पर रहते हुए किया। उज्बेकिस्तान और यूक्रेन ने समग्र रूप से क्रमश: पहले और तीसरे स्थान पर कब्जा जमाया।
 
एड्रियाटिक पर्ल टूर्नामेंट ने भारतीयों के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा का एक आदर्श अवसर प्रदान किया क्योंकि उन्होंने लॉकडाउन के बाद पहली बार किसी टूर्नामेंट में भाग लिया। अब भारतीय खिलाड़ियों को पोलैंड में 10 से 24 अप्रैल तक होने वाली एआईबीए यूथ वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप में हिस्सा लेना है और मोंटेनेग्रो में शानदार प्रदर्शन से भारतीय दल को आने वाली चुनौतियों के लिहाज से जरूरी आत्मबल मिलेगा।(वार्ता)
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