भारतीय टीम का हिस्सा होना गर्व की बात : साइना नेहवाल
हैदराबाद। गोल्ड कोस्ट राष्ट्रमंडल खेलों की स्वर्ण पदक विजेता साइना नेहवाल का कहना है कि इन खेलों में भारतीय टीम का हिस्सा होना ही उनके लिए बड़े गर्व की बात है। साइना ने मंगलवार को स्वदेश लौटने के बाद यहां पुलेला गोपीचंद अकादमी में बातचीत में कहा कि टीम मुकाबलों में स्वर्ण पदक ने सभी का उत्साह बढ़ाया।
उन्होंने टीम स्वर्ण के लिए अश्विनी पोनप्पा और सात्विकसेराज रेंकीरेड्डी की मिश्रित युगल जोड़ी को श्रेय दिया। भारत ने पिछले दो बार के चैंपियन मलेशिया को हराकर टीम स्वर्ण पदक जीता। भारतीय स्टार खिलाड़ी ने कहा, मेरे लिए यह बड़े गर्व की बात है कि मैंने 2010 दिल्ली राष्ट्रमंडल खेलों और गोल्ड कोस्ट राष्ट्रमंडल खेलों में देश के लिए आखिरी स्वर्ण पदक जीता।
मुझे खुद को चुनौती देनी थी और लगातार अच्छा प्रदर्शन करना था। मैं गोपी सर की शुक्रगुजार हूं। मैं साथ ही फिजियो और पूरे सपोर्ट स्टाफ को भी धन्यवाद देना चाहती हूं। पीवी सिंधू के खिलाफ फाइनल खेलने के बारे में पूछे जाने पर साइना ने कहा, जब आप सिंधू के खिलाफ खेलते हैं तो यह अलग तरह की चुनौती होती है। हम यहां एक साथ ट्रेनिंग करते हैं और एक दूसरे को अच्छी तरह जानते हैं।
फाइनल में हम दोनों का खेलना शानदार अहसास था। सिंधू के खिलाफ मुकाबला काफी कड़ा रहा। गोल्ड कोस्ट में रजत जीतने वाले विश्व के नंबर एक खिलाड़ी किदाम्बी श्रीकांत ने कहा कि मैं नहीं जानता था कि मैं 2009 के बाद से नंबर एक बनने वाला दुनिया का छठा खिलाड़ी बना हूं।
नि:संदेह यह एक विशेष अहसास है। श्रीकांत ने राष्ट्रमंडल खेलों में यादगार अभियान का श्रेय युगल खिलाड़ियों को देते हुए कहा, हमें अश्विनी पोनप्पा पर गर्व है जिस तरह उन्होंने इन खेलों में बेहतरीन प्रदर्शन किया। राष्ट्रीय कोच गोपीचंद ने भारतीय बैडमिंटन की ताकत और गहराई का जिक्र करते हुए कहा कि यह समय मेरे समय से अलग है।
ये खिलाड़ी काफी आगे निकल चुके हैं और आगामी खेलों में और भी बेहतर प्रदर्शन करेंगे। हमें अभी लम्बा सफर तय करना है। गोपी ने कहा कि ईमानदारी से कहूं तो मैंने कभी टीम स्वर्ण के बारे में नहीं सोचा था। इसका श्रेय अश्विनी को जाता है जिन्होंने महिला युगल और मिश्रित युगल में अपने साथी खिलाड़ियों को प्रेरित किया। युवा युगल खिलाड़ियों सात्विक और चिराग का खेल भी सराहनीय रहा। (वार्ता)