मुक्केबाजी में वापसी को पुनर्जन्म मानते हैं जितेंदर
नई दिल्ली। मुक्केबाजी में वापसी करना कभी आसान नहीं होता लेकिन एक समय भारत के स्टार मुक्केबाज रहे और अब हरियाणा पुलिस में उपाधीक्षक जितेंदर कुमार पेशेवर मुक्केबाजी में वापसी करने जा रहे हैं और उन्होंने इसे अपना पुनर्जन्म करार दिया है। राष्ट्रमंडल खेल 2006 के कांस्य पदक विजेता जितेंदर ने आईओएस के साथ करार किया है, जो गत डब्ल्यूबीओ एशिया-प्रशांत चैंपियन विजेंदर सिंह के भी प्रमोटर हैं।
भिवानी के इस मुक्केबाज ने एक साक्षात्कार में कहा कि यह मेरे लिए पुनर्जन्म है, मुक्केबाजी की रिंग में पुनर्जन्म, क्या इसका बेहतर तरीका हो सकता था? मुझे नहीं पता। मैं अपने मेंटर अखिल कुमार के काफी प्रयासों और स्वयं विजेंदर की प्रेरणा से वापसी कर रहा हूं। फिलहाल पंचकूला में नियुक्त 28 साल के विजेंदर सिंह ने कहा कि उन्हें अपने काम से प्यार है और मधुबन में अपनी ट्रेनिंग के दौरान आपराधिक कानून को समझने के लिए अपना पूरा समय लिया लेकिन मुक्केबाजी से कभी अलग नहीं हो पाए।
जितेंदर ने कहा कि बीजिंग के बाद मैंने एशिया चैंपियनशिप (2009) में हिस्सा लिया और कांस्य पदक मिला। इसके बाद मैंने विश्व मुक्केबाजी सीरीज में हिस्सा लिया लेकिन 2011 के बाद मैं जारी नहीं रख पाया। विश्व मुक्केबाजी सीरीज के दौरान आंख के ऊपर कट लगने के कारण उन्हें बीच में हटना पड़ा।
उन्होंने कहा कि मुझे गलत समय पर चोट लगी। मैं क्या कर सकता हूं? साथ ही मुझे अपना वजन वर्ग भी फ्लाईवेट से बैंटमवेट करना पड़ा जिससे मेरी सीधी प्रतिस्पर्धा मेरे मेंटर अखिल से हो गई।
उन्होंने कहा कि इस स्थिति से मैं कभी सहज नहीं था और जब मुझे 2010 एशियाई खेलों के लिए नहीं चुना गया तो मैंने रुचि गंवा दी। मैंने उम्मीद छोड़ दी, मुझे लगा कि अब कुछ नहीं बचा। हरियाणा पुलिस की नौकरी को इसके बाद मैंने अपना सब कुछ देने का फैसला किया। जितेंदर के दिसंबर में पेशेवर मुक्केबाजी में पदार्पण करने की उम्मीद है। (भाषा)