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Last Updated : शुक्रवार, 7 जून 2024 (16:50 IST)

सुनील छेत्री को जीत से विदाई देने में नाकाम रहा भारत, कुवैत से मैच ड्रॉ खेला

सुनील छेत्री को जीत से विदाई देने में नाकाम रहा भारत, कुवैत से मैच ड्रॉ खेला - India fails to hand a fairy tale ending for Sunil Chhetri against Kuwait
भारतीय फुटबॉल टीम अपने करिश्माई स्ट्राइकर सुनील छेत्री को जीत के साथ विदाई देने में नाकाम रही और कुवैत के खिलाफ गुरुवार को यहां उसने फीफा विश्व कप 2026 का क्वालीफायर मैच ड्रॉ खेलकर अपनी आगे बढ़ने की राह भी मुश्किल कर दी।

भारत अगर जीत दर्ज करता तो छेत्री के लिए यह अच्छी विदाई होती क्योंकि इस मैच में ड्रॉ खेलने से उसकी क्वालीफायर्स के तीसरे दौर में पहुंचने की संभावनाओं को करारा झटका लगा है।

इस मैच में ड्रॉ से अब भारत के पांच अंक हो गए हैं। उसे अपना अंतिम मैच 11 जून को एशियाई चैंपियन कतर के खिलाफ खेलना है। कुवैत के चार अंक हैं और वह उसी दिन अफगानिस्तान के खिलाफ मैच खेलेगा।

भारतीय फुटबॉल की पहचान रहे 39 वर्षीय छेत्री ने इस मैच के साथ ही 19 साल तक चले अपने अंतरराष्ट्रीय करियर को भी अलविदा कहा। उन्होंने भारत की तरफ से 94 गोल किए।

वह अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल में सर्वाधिक की गोल करने वाले खिलाड़ियों की सूची में पुर्तगाल के सुपरस्टार क्रिस्टियानो रोनाल्डो (128), ईरान के दिग्गज अली डेई (108) और अर्जेंटीना के करिश्माई खिलाड़ी लियोनेल मेसी (106) के बाद चौथे स्थान पर हैं।

भारत जैसे देश के किसी खिलाड़ी के लिए यह बहुत बड़ी उपलब्धि है तथा 16 मई को जब उन्होंने अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल से संन्यास लेने की घोषणा की तो फीफा ने भी उनकी उपलब्धियों की सराहना की थी।

छेत्री को विदाई देने के लिए हजारों दर्शक स्टेडियम में पहुंचे थे। साल्ट लेक स्टेडियम की क्षमता 68000 दर्शकों की है और पूरा स्टेडियम खचाखच भरा था। इनमें उनके पिता खरगा और माता सुशीला तथा पत्नी सोनम भट्टाचार्य के अलावा कई अधिकारी और पूर्व खिलाड़ी भी शामिल थे।
दर्शकों को हालांकि आखिर में यह मलाल रह गया कि छेत्री अपने अंतिम अंतरराष्ट्रीय मैच में गोल नहीं कर पाए। छेत्री हालांकि क्लब फुटबॉल में खेलते रहेंगे। उनका इंडियन सुपर लीग की टीम बेंगलुरू एफसी के साथ अगले साल तक अनुबंध है।

छेत्री ने अपना पहला अंतरराष्ट्रीय मैच 12 जून 2005 को पाकिस्तान के खिलाफ क्वेटा में खेला था। वह मैच 1-1 से ड्रॉ छूटा था। छेत्री ने उस मैच में गोल किया था लेकिन गुरुवार को वह ऐसा करिश्मा नहीं दिखा पाए। देश की तरफ से 151 मैच खेलने वाले इस खिलाड़ी को हालांकि दर्शकों ने खड़े होकर तालियों की गड़गड़ाहट के बीच विदाई दी।

भारत में इससे पहले कुवैत को उसकी धरती पर 1-0 से हराया था। कुवैत ने हालांकि यहां काफी अच्छा खेल दिखाया। पहले हाफ में दोनों टीम ने कुछ अच्छे मौके बनाए लेकिन वह उनका फायदा उठाने में नाकाम रही।

छेत्री के पास 11वें मिनट में गोल करने का मौका था लेकिन कुवैत के हसन अलानेजी ने भारतीय कप्तान के प्रयास को विफल कर दिया। दर्शकों को इसके बाद भी उम्मीद थी कि छेत्री अपना 95वां गोल करने में सफल रहेंगे, लेकिन उन्हें निराशा ही हाथ लगी।

दूसरे हाफ में भी दोनों टीम कुछ अच्छे अवसरों का फायदा नहीं उठा पाई और आखिर में यह मैच नीरस ड्रॉ के रूप में समाप्त होगा।(भाषा)