CWG 2018 : 'नो नीड्ल्स' नीति के दोषी राकेश, इरफान खेलों से बाहर, लगेगा प्रतिबंध
गोल्ड कोस्ट। राष्ट्रमंडल खेलों की 'नो नीडल पॉलिसी' के उल्लंघन मामले में दोषी पाए गए भारत के 2 एथलीट राकेश बाबू और इरफान कोलोथुम थोडी को यहां 21वें गोल्ड कोस्ट राष्ट्रमंडल खेलों से बाहर कर दिया गया है और उन्हें तत्काल प्रभाव से स्वदेश वापस भेजा जाएगा और भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) के अनुसार इन एथलीटों पर प्रतिबंध लगाए जाएंगे।
राष्ट्रमंडल खेल महासंघ (सीजीएफ) के अध्यक्ष लुईस मार्टिन ने शुक्रवार को बताया कि भारतीय एथलीट राकेश और इरफान के खेलगांव स्थित कमरों से सुइयां मिली हैं, जो उसकी नो नीडल पॅालिसी का सिरे से उल्लंघन है। तिहरी कूद एथलीट राकेश और पैदल चाल धावक थोडी के अलावा 3 भारतीय अधिकारियों को गुरुवार को सीजीएफ के सामने सुनवाई के लिए भी पेश होना पड़ा था।
मार्टिन ने कहा कि भारतीय एथलीटों ने जो गवाही दी है वह भरोसे के लायक नहीं है। राकेश और थोडी ने खेलों की नीडल पॉलिसी का उल्लंघन किया है। दोनों खिलाड़ियों को तुरंत प्रभाव से खेलों को छोड़ने का आदेश दिया गया है। उनके खेलगांव के मान्यता पत्रों को भी रद्द कर दिया गया है।
आईओए के महासचिव राजीव मेहता ने भी एक बयान में कहा कि मुझे बड़े अफसोस के साथ इस बात की पुष्टि करनी पड़ रही है कि राकेश और थोडी के मान्यता पत्र सीजीएफ ने निलंबित कर दिए हैं। हमने अपने एथलीटों को सीजीएफ की नो नीडल नीति के तहत लगातार संदेश दिए थे कि वे इनका पालन करें लेकिन ये एथलीट इस बात को समझ नहीं पाए और उन्हें अब स्वदेश वापस भेजा जाएगा। दोनों एथलीटों को राष्ट्रमंडल खेल गांव से हटा दिया गया है और वे तत्काल स्वदेश लौटेंगे।
मेहता ने साथ ही कहा कि इन एथलीटों पर प्रतिबंध लगेंगे और इसका फैसला आईओए का चिकित्सा और नैतिक आयोग करेंगे। मेहता ने बताया कि सभी खेल महासंघों को खेलों के शुरू होने से एक महीने पहले ही सीजीएफ की नो नीडल नीति के बारे में जानकारी भरा नोट थमा दिया गया था। खेलों की शुरुआत से पहले भारतीय मुक्केबाजों के कमरों में सीरिंज पाए जाने के बाद भारतीय दल को फटकार झेलनी पड़ी थी और उन्हें चेतावनी भी दी गई थी लेकिन वही प्रकरण 2 एथलीटों ने दोहरा दिया जिससे देश को इन खेलों में 2 बार शर्मिंदगी झेलनी पड़ गई।
सीजीएफ अध्यक्ष ने साथ ही कहा कि उन्होंने भारत के राष्ट्रमंडल खेल संघ को दोनों एथलीटों को उपलब्ध पहली फ्लाइट से ऑस्ट्रेलिया से रवाना करने के आदेश दिए हैं। मार्टिन ने बताया कि सीजीएफ के सामने हुई सुनवाई में भारतीय एथलेटिक्स दल के प्रमुख विक्रम सिंह सिसोदिया, टीम प्रबंधक नामदेव शिरगांवकर और एथलेटिक्स टीम मैनेजर रवींद्र चौधरी पेश हुए थे, जिन्हें इस मामले में फटकार लगाई गई है।
इससे पहले भारतीय टीम के मैनेजर नामदेव ने सीजीएफ का विरोध जताते हुए संवाददाताओं से कहा था कि हम सीजीएफ के इस फैसले को स्वीकार नहीं करते हैं और अपने प्रशासन से इस मामले पर बातचीत करेंगे। हम फैसले के खिलाफ अपील करेंगे। लेकिन कुछ घंटे बाद ही आईओए के महासचिव मेहता ने स्पष्ट कर दिया कि इन दोनों एथलीटों को स्वदेश वापस भेजा जा रहा है और इन पर नियमानुसार प्रतिबंध लगाए जाएंगे।
राकेश पुरुषों की तिहरी कूद में 12वें और आखिरी क्वालीफायर रहे हैं और शनिवार को उन्हें फाइनल में उतरना है जबकि थोडी पुरुषों की 20 किलोमीटर पैदल चाल स्पर्धा में 13वें स्थान पर रहे थे। हालांकि इस मामले में भारतीय एथलीटों पर डोपिंग से संबंधित आरोप नहीं लगाए गए हैं। टीम मैनेजर रवीन्द्र ने कहा कि यहां मामले को लेकर बहुत दुविधा है। हमें नहीं पता कि हमारे एथलीटों को निलंबित क्यों किया गया है?
बाबू के बैग में सीरिंज मिली थी लेकिन इरफान को भी बैन कर दिया गया है। कैसे सीजीएफ को इतना विश्वास है कि दोनों एथलीटों ने एक ही सीरिंज इस्तेमाल की है? बाबू ने माना है कि यह उनका सीरिंज है लेकिन इरफान पर यह आरोप गलत है। राष्ट्रमंडल खेलों में केवल मेडिकल सलाह पर ही सुई के इस्तेमाल की इजाजत है। डोपिंग को रोकने के लिए खेलों में नो नीडल पॉलिसी को सख्ती से लागू किया गया है।
आईओए अब भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए कड़ी नीति बनाने पर विचार कर रहा है, जिसमें डोपिंगरोधी नियमों को लागू करने के लिए 2 व्यक्तियों का स्टाफ और मेडिकल टीम को लगाया जाएगा। खेलों के नियमों के बारे में पूरी जानकारी सभी राष्ट्रीय खेल महासंघों को उपलब्ध कराई जाएगी ताकि वे सचेत हो सकें। (वार्ता)