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Last Updated : गुरुवार, 20 जुलाई 2017 (22:13 IST)

कोच मातोस बोले, अंडर-17 विश्वकप के लिए मनोबल ऊंचा है...

कोच मातोस बोले, अंडर-17 विश्वकप के लिए मनोबल ऊंचा है... - Coach Louise Norton de Matos, Indian football team coach
नई दिल्ली। भारत की मेजबानी में अक्टूबर में होने वाले फीफा अंडर 17 विश्वकप फुटबॉल टूर्नामेंट के लिए मेजबान टीम को काफी मुश्किल ग्रुप मिला है, लेकिन भारतीय टीम के कोच लुईस नॉर्टन डी मातोस का मानना है कि टीम का मनोबल काफी ऊंचा है।
        
मातोस ने गुरुवार को अपनी टीम के दो खिलाड़ियों फारवर्ड शुभम सारंगी और राहुल केपी के साथ अंडर-17 विश्वकप में बेहतर प्रदर्शन करने का विश्वास व्यक्त किया। कोच ने कहा, मैं मानता हूं कि हमें एक मुश्किल ड्रा मिला है। लेकिन हमारी टीम के खिलाड़ी अच्छा प्रदर्शन करने के लिए प्रतिबद्ध है।
        
कोच ने कहा, जब विश्वकप का ड्रा निकाला जा रहा था तब मैंने अपने ग्रुप की टीमों को देखने के बाद यही सोचा था कि संभावनाएं काफी कम हैं। लेकिन ड्रा में मौजूद दो खिलाड़ियों ने कहा कि हम जीतने जा रहे हैं। इससे पता लगता है कि हमारी टीम आत्मविश्वास से कितनी लबरेज है और अपने लोगों के सामने नॉकआउट चरण में पहुंचने के लिए बेताब है।
        
विश्वकप के ड्रा में भारत के ग्रुप ए में अमेरिका, कोलंबिया और घाना को रखा गया है। भारत को अपने ग्रुप मैच दिल्ली के जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम में खेलने हैं। भारत का पहला मुक़ाबला छह अक्टूबर को अमेरिका से होगा जिससे टूर्नामेंट की शुरुआत हो जाएगी। भारत का दूसरा मैच कोलंबिया से नौ अक्टूबर को और तीसरा मैच घाना से 12 अक्टूबर को होगा।
        
विश्वकप में सफलता का मूल मंत्र बताते हुए मातोस ने कहा भारतीय खिलाड़ियों को मैच के पूरे 90 मिनट के दौरान अपनी एकाग्रता को बनाए रखना होगा। आज फुटबॉल में यह बहुत जरूरी है। यदि आप 89 मिनट अच्छा खेलते हैं लेकिन शेष एक मिनट, इंजरी समय या फिर बाद में पेनल्टी में अपनी एकाग्रता खो देते हैं तो आप हार सकते हैं। मैंने अपने खिलाड़ियों को यही बताया है कि अपनी एकाग्रता बनाए रखें और मौके मिलने का इंतजार करें।
        
कोच ने कहा, मेरे खिलाड़ियों में जो सकारात्मक रुख दिखाई दे रहा है, उससे मुझे लगता है कि हम कुछ करिश्मा कर सकते हैं। हमें अपने आसपास एक सकारात्मक माहौल बनाकर रखना होगा और यह काम अगले तीन महीने तक विश्वकप शुरू होने तक जारी रहना चाहिए।
        
पुर्तगाल के मातोस ने कहा, मैं वास्तविकता में यकीन रखता हूं। मैं जानता हूं कि हमारे सारे खिलाड़ी इस बड़े अवसर के लिए तैयार हैं। उन्होंने वीडियो देखे हैं और वह जानते हैं कि उनके पास कुछ कर दिखाने का मौका है। हमारा पहला मैच अमेरिका से है और यदि हम मजबूती से खेलते हैं तो हमारे लिए संभावनाएं बन सकती हैं।
       
उन्होंने कहा, मैंने खिलाड़ियों को बताया है कि उन्हें पुर्तगाल शैली में गेंद पर बराबर नियंत्रण रखना है और यूरोपियन अंदाज में खेलना है। यदि आप मैदान में विपक्षी टीम को कम जगह देंगे तो आपकी संभावनाएं ज्यादा बन जाएंगी और साथ ही आपको अपना मनोबल लगातार बनाए रखना होगा।
        
भारत के ग्रुप के तीन प्रतिद्वंद्वियों को देखा जाए तो अमेरिका अंडर 17 विश्व कप में 15 बार हिस्सा ले चुका है और उसकी अंडर 17 रैंकिंग आठ है। अमेरिका का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 1999 में चौथा स्थान रहा है। कोलंबिया पांच बार विश्व कप में हिस्सा ले चुका है और उसका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 2003 और 2009 में चौथा स्थान रहा था। उसकी अंडर 17 में विश्व रैंकिंग 15 है। इस ग्रुप में सबसे मुश्किल प्रतिद्वंद्वी घाना है जो आठ बार विश्व कप खेल चुका है और उसने 1991 और 1995 में दो बार विश्व कप जीता है। उसकी विश्व रैंकिंग पांच है।
 
मातोस ने कहा, जब से मैंने भारतीय टीम का कोच पद संभाला है तब से हमने लगातार तेजी से प्रगति की है। हमने अलग-अलग माहौल में कई मैत्री मैच खेले हैं और अच्छा प्रदर्शन किया है लेकिन जब टूर्नामेंट शुरू होगा तो माहौल बिलकुल अलग होगा। आपके सामने मजबूत टीमें होंगी और आपको दबाव के माहौल में खेलना होगा। ऐसी सूरत में ही टीम की असली परीक्षा होगी।
         
स्ट्राइकर शुभम ने नए कोच की तारीफ करते हुए  कहा, वे शानदार कोच और एक अच्छे इंसान हैं। उन्होंने मैदान में हमें सहज रहना सिखाया है। हमारी विश्वकप की तैयारी काफी अच्छी है। भारतीय स्ट्राइकर सुनील छेत्री मेरे आदर्श हैं। छेत्री ही नहीं तमाम भारतीय फुटबॉल खिलाड़ी हम लोगों के लिए प्रेरणा स्त्रोत हैं और हम देशवासियों को विश्वकप में कतई निराश नहीं करेंगे।
        
केरल के राहुल पुर्तगाल के क्रिस्टियानो रोनाल्डो को अपना आदर्श मानते हैं और उनके जैसा बनना चाहते हैं। राहुल ने कहा, मैं रोनाल्डो के लिए पागल हूं और उनके जैसा बनना चाहता हूं। कोच मातोस के साथ हमारा समय लगातार अच्छा रहा है।
        
पिछले कुछ महीनों के अपने सबसे यादगार समय के लिए  राहुल और शुभम दोनों ने कहा, बेनफिका के खिलाफ हम 0-2 से पिछड़ गए थे लेकिन हमने आखिरी 15 मिनट में वापसी करते हुए 2-2 से बराबरी की। हम बेशक यह मैच हार गए, लेकिन इस मैच का प्रदर्शन हमारे लिए सबसे यादगार रहा। (वार्ता)
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