सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी की दुनिया की दूसरे नंबर की जोड़ी ने इंडिया ओपन के पुरुष युगल फाइनल में हार के बाद रविवार को स्वीकार किया कि उन्होंने काफी गलतियां की लेकिन साथ ही कहा कि कभी-कभी हारना अच्छा होता है और इससे बड़े टूर्नामेंट में अच्छा प्रदर्शन करने की प्रेरणा मिलती है।
सात्विक और चिराग की एशियाई खेलों और राष्ट्रमंडल खेलों की स्वर्ण पदक विजेता जोड़ी को फाइनल में कैंग मिन ह्युक और सियो सेयुंग जेइ की दक्षिण कोरिया की विश्व चैंपियन जोड़ी के खिलाफ एक घंटा और पांच मिनट में 21-15, 11-21, 18-21 से हार का सामना करना पड़ा जिससे यह जोड़ी दूसरी बार इंडिया ओपन का खिताब जीतने में विफल रही। सात्विक और चिराग ने 2022 में इंडिया ओपन का खिताब जीता था।
चिराग ने मैच के बाद कहा, पहले गेम में हमने काफी अच्छी शुरुआत की लेकिन दूसरे गेम में अच्छी शुरुआत नहीं कर पाए। हम दूसरे गेम में 1-5 से पीछे थे। हमने कुछ गलतियां की और 5-11 से पिछड़ गए। इसके बाद वापसी करना काफी मुश्किल था। उनकी जोड़ी का डिफेंस काफी मजबूत है।
उन्होंने कहा, हमने तीसरे गेम में अच्छी शुरुआत की लेकिन फिर उन्हें बढ़त बनाने का मौका दे दिया। उनका डिफेंस काफी मजबूत था। तीसरे गेम में आखिरी समय में हमने कुछ हद तक वापसी की। हमें मौके भी मिले। हम एक अंक से पीछे थे और अगर हम बराबरी कर लेते तो उन पर और दबाव आ जाता लेकिन उन्होंने काफी ठोस डिफेंस दिखाया।
सात्विक ने कहा कि आप हमेशा सारे टूर्नामेंट नहीं जीत सकते और हार से प्रेरणा लेकर बड़े टूर्नामेंट में अच्छा प्रदर्शन करना चाहिए।
सात्विक ने कहा, निजी तौर पर मेरा मानना है कि कभी कभी हारना भी हमेशा जीतने से अच्छा होता है। हमने कुछ टूर्नामेंट गंवाए और कुछ जीते। जब मायने रखता है तब आपको अच्छा करना चाहिए। आज तीसरे गेम में 16-17 से पिछड़ने के दौरान अगर हम पांच प्रतिशत और नियंत्रण रख पाते तो नतीजा कुछ और हो सकता था।
उन्होंने कहा, हमने लगातार टूर्नामेंट खेले हैं जो आसान नहीं होता इसलिए इस प्रदर्शन के भी सकारात्मक पक्ष हैं। निश्चित तौर पर हार की निराशा है लेकिन अच्छी बात यह है कि हम संतुष्ट नहीं है और हमारे अंदर जीत की भूख है। कुछ दिन आराम करने के बाद हम फ्रेंच ओपन और ऑल इंग्लैंड में खेलेंगे। हम टूर्नामेंट जीतना चाहते थे लेकिन घरेलू दर्शकों के सामने हारने से प्रेरणा मिलेगी और हम बड़े टूर्नामेंट जीतने की कोशिश करेंगे।
सात्विक से सहमति जताते हुए चिराग ने कहा, बेशक घरेलू टूर्नामेंट का फाइनल हारने का दुख है। लेकिन काफी सकारात्मक पक्ष रहे। पिछले दो हफ्ते काफी अच्छे रहे। खिताब नहीं मिला लेकिन मिलेगा। हमें बस अच्छा काम जारी रखना होगा और बड़े खिताब आएंगे।
चिराग ने कहा कि मुकाबले से पहले उन पर किसी तरह का दबाव नहीं था लेकिन लगातार दो हफ्ते फाइनल में खेलना आसान नहीं होता और इसका शरीर पर असर पड़ता है।
उन्होंने कहा, मुझे नहीं लगता कि मैच से पहले किसी तरह का दबाव था। बेशक लगातार दूसरे सप्ताह खेलने से शरीर पर असर दिखता है। थकान होती है। हम अपने करियर में पहली बार लगातार दूसरे फाइनल में खेल रहे थे। हमने चैलेंजर स्तर पर खेला होगा लेकिन सुपर 500 या 750 स्तर पर पहली बार ऐसा कर रहे थे। सकारात्मक चीज यह है कि हम लगातार अच्छा कर रहे हैं, जो चीज अच्छी नहीं है कि वह यह है कि हम फाइनल नहीं जीत पा रहे। आप सारे टूर्नामेंट नहीं जीत सकते और हमारा लक्ष्य बड़े टूर्नामेंट जीतना है।
भारतीय जोड़ी की फाइनल में यह लगातार दूसरी हार है। पिछले रविवार को सात्विक और चिराग को मलेशिया ओपन के फाइनल में भी लियांग वेई कैंग और वैंग चैंग की चीन की जोड़ी के खिलाफ भी पहला गेम जीतने के बाद 21-9, 18-21, 17-21 से हार झेलनी पड़ी थी।कैंग और सियो की चैंपियन जोड़ी ने कहा कि अच्छी शुरुआत नहीं कर पाने के बाद उन्होंने अपनी आक्रमण पर काम किया जिससे जीत मिली।
कोरियाई जोड़ी ने कहा, शुरुआत में हम धीमे थे लेकिन बाद में हमने अपने एक्शन और आक्रमण पर काम किया जिससे अंततः हमें जीत मिली।कोरियाई जोड़ी ने कहा कि खचाखच भरे स्टेडियम में दर्शक घरेलू जोड़ी का समर्थन कर रहे थे लेकिन वे घबराए नहीं क्योंकि उन्हें इस तरह के हालात में खेलने का अनुभव है।उन्होंने कहा, हम उत्साह से भरे दर्शकों के बीच घबराए नहीं क्योंकि हम पहले भी इसी तरह की परिस्थितियों में खेल चुके हैं और हमारे पास इस तरह के माहौल में खेलने का पर्याप्त अनुभव है।
(भाषा)