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Last Modified: सोमवार, 25 जुलाई 2022 (13:33 IST)

विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप में पहला पदक जीतने वाली भारतीय अंजू बॉबी जॉर्ज ने भी नीरज की तरह ही पाई थी जीत

विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप में पहला पदक जीतने वाली भारतीय अंजू बॉबी जॉर्ज ने भी नीरज की तरह ही पाई थी जीत - Anju Bobby George progressed in an analogus way of Neeraj Chopra in World Athletics Championships
नई दिल्ली: ओलंपिक चैम्पियन नीरज चोपड़ा जब अमेरिका के यूजीन में विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप में इतिहास रच रहे थे, तब अपने जमाने की दिग्गज एथलीट और लंबी कूद खिलाड़ी अंजू बॉबी जॉर्ज बेंगलुरू में उस स्थिति को याद कर रही थी जब उन्होंने भी खराब शुरुआत से उबरकर कांस्य पदक जीता था।

चौबीस वर्षीय चोपड़ा फाइनल में पहले तीन दौर के बाद चौथे स्थान पर थे लेकिन चौथे प्रयास में उन्होंने 88.13 मीटर भाला फेंककर शानदार वापसी की और रजत पदक हासिल किया।

चोपड़ा विश्व चैंपियनशिप में पदक जीतने वाले दूसरे भारतीय एथलीट और पहले पुरुष खिलाड़ी बन गए हैं। अंजू विश्व चैंपियनशिप में पदक जीतने वाली पहली भारतीय खिलाड़ी थी। उन्होंने पेरिस में 2003 में लंबी कूद में कांस्य पदक जीता था।

अंजू ने पीटीआई से कहा, ‘‘ मैं सोच रही थी कि हे भगवान, मैं भी पेरिस में 2003 में एक समय नीरज जैसी स्थिति में थी। वह पहले प्रयासों के बाद चौथे स्थान पर था और मैं भी पहले तीन प्रयासों के बाद चौथे स्थान पर थी।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ मैं पहले प्रयास के बाद शीर्ष पर थी लेकिन तीसरे प्रयास के बाद चौथे स्थान पर खिसक गई थी और पदक की दौड़ मैं नहीं थी। लेकिन मैं वापसी करने और पदक जीतने के प्रति प्रतिबद्ध थी और मैंने ऐसा किया। ऐसा ही नीरज के साथ भी हुआ।’’

चोपड़ा की शुरुआत अच्छी नहीं रही और उन्होंने पहले प्रयास में फाउल किया। इसके बाद उन्होंने 82.39 मीटर और 86.37 मीटर भाला फेंका और तीसरे प्रयास के बाद वह चौथे स्थान पर थे।

लेकिन चोपड़ा ने इसके बाद शानदार वापसी की तथा चौथे प्रयास में 88.13 मीटर भाला फेंक कर दूसरा स्थान हासिल किया। यह उनके करियर का चौथा सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। पांचवें और छठे प्रयास में चोपड़ा ने फाउल किया।

जहां तक अंजू का सवाल है तो वह पहले प्रयास में 6.61 मीटर कूद लगाकर पहले स्थान पर थी लेकिन अगली दो कूद में वह फाउल कर गई जिससे वह चौथे स्थान पर खिसक गई थी। अंजू ने चौथे प्रयास में 6.56 मीटर कूद लगाई लेकिन वह चौथे स्थान पर ही बनी रही।

पांचवें प्रयास में उन्होंने 6.70 मीटर कूद लगाकर तीसरा स्थान हासिल किया और देश के लिए कांस्य के रूप में विश्व चैंपियनशिप में पहला पदक जीता।

अंजू ने कहा, ‘‘अगर आप आसानी से आत्मविश्वास खो देते हैं तो फिर आप पदक नहीं जीत सकते। अगर आप विश्व के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों में शामिल हैं तो आपको अपनी क्षमता पर विश्वास होना चाहिए और पदक जीतने के लिए एकाग्रता बनाए रखनी चाहिए।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ओलंपिक में स्वर्ण पदक और फिर उसके बाद विश्व चैंपियनशिप में रजत पदक जीतना वास्तव में बड़ी उपलब्धि है। जिस तरह से वह दबाव झेलते हैं और परिस्थितियां कड़ी होती हैं तो ऐसे में यह प्रदर्शन बेजोड़ है। उन्होंने फिर से देश का गौरव बढ़ाया है।’’

अंजू ने कहा कि सुबह चोपड़ा की स्पर्धा देखते समय वह भी दबाव महसूस कर रही थी।उन्होंने कहा, ‘‘जब उन्होंने पहले प्रयास में फाउल किया तो प्रत्येक भारतीय सकते में आ गया था। मैं भी दबाव में थी क्योंकि वह अपने पहले और दूसरे प्रयास में अमूमन अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते रहे हैं। ’’

अंजू ने कहा, ‘‘ उन्होंने चौथे प्रयास में शानदार वापसी की और इससे काफी राहत मिली। वह अब विश्व चैंपियनशिप में मेरे बाद पदक जीतने वाले दूसरे भारतीय हैं। अब वह मेरे क्लब में शामिल हो गए हैं।’’(भाषा)
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