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Written By भाषा
Last Updated :यो डि जेनेरियो , सोमवार, 28 जुलाई 2014 (10:50 IST)

गोएट्जे के गोल से जर्मनी बना फुटबॉल का शहंशाह

गोएट्जे के गोल से जर्मनी बना फुटबॉल का शहंशाह -
रियो डि जेनेरियो। रिकॉर्डधारी मिरोस्लोव क्लोस की जगह मैदान पर उतरने वाले मारियो गोएट्जे के अतिरिक्त समय में किए गोल की बदौलत जर्मनी ने रोमांचक फाइनल में अर्जेन्टीना को 1-0 से हराकर चौथी बार विश्व कप फुटबॉल का खिताब जीता।
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निर्धारित समय गोलरहित बराबरी पर छूटने के बाद 113वें मिनट में आखिर में वह क्षण आया जब दुनिया भर के फुटबॉल प्रेमियों को बहु प्रतीक्षित गोल देखने को मिला। यह गोल उस गोएट्जे ने किया जिन्हें विश्व कप में सर्वाधिक 16 गोल करने वाले मिरोस्लाव क्लोस की जगह 87वें मिनट में मैदान में भेजा गया था।

गोएट्जे ने आंद्रे शुर्ले के बाएं छोर से दिए गए क्रास को अपनी छाती पर रोका और शानदार वॉली से उसे गोल तक पहुंचा दिया, जिससे जर्मनी 24 साल के बाद फिर से विश्व चैंपियन बनने में सफल रहा। जर्मनी का एकीकरण के बाद यह पहला खिताब है। इससे पहले पश्चिम जर्मनी ने 1954, 1974 और 1990 में खिताब जीता था।

इस तरह से जर्मनी चौथी बार विश्व चैंपियन बनने में सफल रहा। 1978 और 1986 के चैंपियन अर्जेन्टीना का तीसरा खिताब जीतने का सपना चकनाचूर हो गया।

संयोग से जर्मनी ने इससे पहले अपना आखिरी खिताब भी अर्जेन्टीना को हराकर ही जीता था। निर्धारित समय में दोनों टीमों को गोल करने के अच्छे मौके मिले लेकिन वे उन्हें नहीं भुना पाई। एक अवसर पर आफ साइड होने के कारण अर्जेन्टीना के गोल को अमान्य करार दिया गया। जर्मनी ने गेंद अधिक कब्जे में रखी लेकिन अर्जेन्टीना ने अच्छे जवाबी हमले किए।

पहले हाफ में अधिक हमले और जवाबी हमले देखने को मिले लेकिन निर्धारित समय तक कोई भी टीम गोल नहीं कर पाई।
मैसीके पांवों का जादू खेल के नौवें मिनट में देखने को मिला। उन्होंने दाएं छोर से गेंद संभाली और उसे अच्छी तरह से ड्रिबल करते हुए मैट हैमल्स को पीछे छोड़ा। अपनी गजब की तेजी और नियंत्रण से वह पेनल्टी एरिया तक पहुंचे लेकिन बास्टिन श्वेंसटीगर ने उनका प्रयास नाकाम कर दिया।

गहरे नीले रंग की शर्ट के साथ उतरे अर्जेन्टीना को मैच का पहला गोल दागने का बेहतरीन मौका 21वें मिनट में मिला था। टोनी क्रूस ने अपने ही गोल की तरफ हेडर लगा दिया जहां हिगुएन ने गेंद को संभाला। उनके सामने तब केवल जर्मन गोलकीपर मैनुएल नेयुर थे लेकिन वह सही निशाने से शाट नहीं लगा पाए। शानदार मौका अर्जेन्टीना के हाथ से चला गया जिससे क्रूस ने निश्चित तौर पर राहत की सांस ली होगी।

हिगुएन ने हालांकि 30वें मिनट में इजेक्विल लावेजी के क्रास पर गोल दाग दिया। वह जब जश्न में उछल रहे थे तभी उन्हें पता चला कि केवल वही नहीं बल्कि दो खिलाड़ी ऑफ साइड थे और गोल अमान्य हो गया। मैच के दौरान जर्मनी को चोटों से भी जूझना पड़ा। मैच से पहले वार्म अप के दौरान मिडफील्डर खामी खेडिरा चोटिल होकर बाहर हो गए। उनकी जगह चुने गए क्रिस्टोफर क्रैमर को भी घायल होने के कारण 31वें मिनट में मैदान छोड़ना पड़ा। आंद्रे शूर्ले उनके स्थान पर मैदान पर उतरे।

खेल के 40वें मिनट में मैसीने अर्जेंटीनी प्रशंसकों की धड़कनें बढ़ा दी थी। वह दाएं छोर से गेंद लेकर पेनल्टी एरिया तक पहुंचे। उनका फ्लिक नेयुर से आगे निकल गया लेकिन डिफेंडर जेरोम बोटेंग ने गोलमुख के पास शानदार बचाव करके जर्मनी पर आया खतरा टाल दिया। मास्करेन्हो ने जर्मनी को जवाबी हमले का मौका दिया। गेंद टोनी क्रूस के पास पहुंची लेकिन उनका ढीला शाट सीधे रोमेरो के हाथों में चला गया।

पहले हाफ के इंजुरी टाइम में बेंडिक्ट होवेडी का हेडर गोल पोस्ट से टकरा गया। मध्यांतर के तुरंत बाद मैसीके पास अपनी टीम को बढ़त दिलाने का अवसर आया। उनके सामने केवल गोलकीपर था लेकिन आखिरी क्षणों में वह गलती कर गए। बाएं पांव से लगाया गया उनका शाट निशाने से चूक गया। खेल के 56वें मिनट में हिगुएन जर्मन गोल के पास गेंद पर झपटने के लिए आगे बढ़े लेकिन नेयुर ने हाथ से अच्छा बचाव किया। इस प्रक्रिया में उनके घुटने से हिगुएन चोटिल भी हो गए थे लेकिन कोच ने 79वें मिनट में उनको बदला और उनकी जगह रोड्रिगो पलासियो को भेजा।

अब दोनों टीमें आक्रामक हो गई थी। खेल के 80वें मिनट में होवेडी पेनल्टी एरिया में मुलर का पास सही तरह से नहीं ले पाए जबकि इसके तुरंत बाद जर्मन कप्तान फिलिप लैम और ओजिल ने अच्छा मूव बनाया। उन्होंने क्रूस को गेंद थमाई जिनका शाट बाहर चला गया। क्लोस ने जर्मनी के लिए कई यादगार गोल किए हैं लेकिन आज वह अपेक्षित तेजी नहीं दिखा पा रहे थे और 87वें मिनट में उनकी जगह मारियो गोएटजे को रखा गया।

जब क्लोस बाहर जा रहे थे तब दर्शकों ने खड़े होकर उनका अभिवादन किया। जर्मनी ने इंजुरी टाइम में गोल करने के अच्छे प्रयास किए लेकिन असफलता ही उसके हाथ लगी। आंद्रे शुर्ले ने अल्जीरिया के खिलाफ अतिरिक्त समय के शुरू में गोल दागा था। उनके पास आज फिर से इसका मौका था लेकिन वह रोमेरो को छकाने में नाकाम रहे।

मार्कोस रोजो ने 97वें मिनट में पलासियो को पास दिया जो नेयुर के उपर से गेंद गोल में डालने में सफल नहीं हो पाए। गोएट्जे आखिर में 113वें मिनट में जर्मनी को बढ़त दिलाई और यह आखिर में निर्णायक साबित हुआ। अर्जेन्टीना ने अंतिम क्षणों में बराबरी के लिए काफी कोशिश की लेकिन वह इसमें नाकाम रहा। (भाषा)