• Webdunia Deals
  1. धर्म-संसार
  2. सिंहस्थ 2016
  3. समाचार
  4. Ujjain Simhastha Ujjain 2016, Vehicle Pass, Ujjain Simhastha Mela area
Written By
Last Modified: उज्जैन , बुधवार, 27 अप्रैल 2016 (21:47 IST)

उज्‍जैन 'सिंहस्थ' मेला क्षेत्र पास मुक्त

उज्‍जैन 'सिंहस्थ' मेला क्षेत्र पास मुक्त - Ujjain Simhastha Ujjain 2016, Vehicle Pass, Ujjain Simhastha Mela area
उज्जैन। मध्यप्रदेश के परिवहन मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने बुधवार को बताया कि धार्मिक नगरी उज्जैन में चल रहे सिंहस्थ मेला क्षेत्र में वाहनों के आने जाने पर लगी रोक हटा दी गई है और मेला क्षेत्र को पास मुक्त कर दिया गया है।
जिले के प्रभारी मंत्री सिंह ने सिंहस्थ मेला क्षेत्र में मीडिया सेंटर कहा कि सिंहस्थ मेला शुरू होते ही एकाएक भीड़ बढ़ने के कारण रोक लगाई गई थी और अब श्रद्धालुओं की सुविधा को देखते हुए कुछ व्यवस्थाओं में परिवर्तन किया गया है। 
 
उन्होंने बताया कि क्षिप्रा नदी के घाटों सहित मेला क्षेत्र एवं प्रसिद्ध मंदिरों के नजदीक वाहनों के आने जाने पर लगी रोक समाप्त कर दी गई है ताकि बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं को नदी में स्नान एवं भगवान महाकालेश्वर मंदिर के अलावा मेला क्षेत्र में लगे साधु संत को कैम्पो में आने जाने में कोई असुविधा न हो।
 
उन्होंने बताया कि सिंहस्थ में किसी भी श्रद्धालु को आधा से एक किलोमीटर तक ही चलना पड़ेगा। ऐसी व्यवस्था की जा रही है कि बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं को ज्यादा पैदल न चलना पड़े। 
 
सिंह ने कहा कि सिंहस्थ के दौरान सफाई एवं पर्यावरण की व्यवस्था को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान सरकार की प्रशंसा की है और कहा है कि इसकी फोटोग्राफी कराकर भेजें। प्रभारी मंत्री ने कहा कि सरकार ने विश्व प्रसिद्ध भगवान महाकालेश्वर मंदिर में वीआईपी व्यवस्था पूरी तरह बंद कर दी है।
 
उन्होंने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री चौहान और हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर सिंह खट्टर ने भी कतारबद्ध होकर भगवान महाकालेश्वर के दर्शन किए। उन्होंने बताया कि महाकालेश्वर मंदिर में एक घंटे में छह से आठ हजार दर्शनार्थी दर्शन लाभ ले रहे हैं और प्रतिदिन डेढ़ से दो लाख दर्शनार्थी दर्शन कर रहे हैं।
 
प्रभारी मंत्री ने करीब 40 हेक्टेयर में फैले सिंहस्थ मेला क्षेत्र की जानकारी देते हुए कहा कि मेला क्षेत्र में छोटे बड़े लगभग पांच हजार कैम्प लगे हैं और वहां साधु संतों की कथा एवं अनुष्ठान चल रहे हैं। इसके अलावा सरकार द्वारा विभिन्न जगह पर सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए जा रहे हैं। वहीं क्षिप्रा नदी प्रवाहमान है और ओजोन प्रोजेक्ट कार्य कर रहे हैं। (वार्ता)
ये भी पढ़ें
पं. फारुख कर रहे सिंहस्थ में 'रामकथा'