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Written By WD

महापर्व सिंंहस्थ में नहीं जा सकें तो यह करें.....मिलेगा पुण्य

महापर्व सिंंहस्थ में नहीं जा सकें तो यह करें.....मिलेगा पुण्य - Simhastha Alekh
प्रयागे माघ पर्यन्त त्रिवेणी संगमे शुभे।
निवासः पुण्यशीलानां कल्पवासो हि कश्यते॥- (पद्‌मपुराण)

 
सिंहस्थ 2016 शबाब पर है। जिनका मन धर्म में लगता है और जो प्रतिदिन रोचक खबरें पढ़ रहे हैं वह सभी जाना चाहते हैं लेकिन किसी कारणवश कुंभ में सभी लोग नहीं जा पाते हैं। यह समय दान, जप, ध्यान और संयम का समय रहता है। ऐसे में सवाल यह उठता है कि कुंभ में जाए बगैर ही कैसे पुण्य लाभ कमाया जा सकता है?
 
कुंभ में कल्पवास चलता है। कुंभ में जहां स्नान करने का महत्व है वहीं कल्पवास में नियम-धरम का पालन करने का महत्व है। दूसरी ओर कुंभ में प्रवचन सुन कर, दान करके और पितरों के लिए तर्पण करके भी लोग पुण्य लाभ कमाते हैं। आप चाहें तो यह सब कुछ करके भी पुण्य लाभ कमा सकते हैं-


1.प्रतिदिन हल्दी मिले बेसन से स्नान करने के पश्चात्य सुबह-शाम संध्यावंदन करते समय भगवान विष्णु का ध्यान करें और निम्न मंत्र-क्रिया से स्वयं को पवित्र करें।




 
संध्यावंदन का मंत्र :
ॐ अपवित्रः पवित्रो वा सर्वावस्थांगतोऽपि वा।
यः स्मरेत पुण्डरीकांक्ष से बाह्याभ्यंतरः शुचि।
इस मंत्र से आचमन करें-
 
ॐ केशवायनमः ॐ माधवाय नमः ॐ नारायणाय नमः का जाप करें।
 
हाथ में नारियल, पुष्प व द्रव्य लेकर यह मंत्र पढ़ें। इसके बाद आचमन करते हुए गणेश, गंगा, यमुना, सरस्वती, त्रिवेणी, माधव, वेणीमाधव और अक्षयवट की स्तुति करें।
 
2.जब तक कुंभ चल रहा हैं तब तक प्रतिदिन एक वक्त का सादा भोजन करें और मौन रहें। 
 
2.आप किसी योग्य व्यक्ति को दान दे सकते हैं। दान में अन्यदान, वस्त्रदान, तुलादान, फलदान, तिल या तेलदान कर सकते हैं।
 
3.गाय, कुत्ते, पक्षी, कौआ, चींटी और मछली को भोजन खिलाएं। गाय को खिलाने से घर की पीड़ा दूर होगी। कुत्ते को खिलाने से दुश्मन आपसे दूर रहेंगे। कव्वे को खिलाने से आपके पितृ प्रसन्न रहेंगे। पक्षी को खिलाने से व्यापार-नौकरी में लाभ होगा। चींटी को खिलाने से कर्ज समाप्त होगा और मछली को खिलाने से समृद्धि बढ़ेंगी।
 
4.आप संकल्प लें- किसी किसी भी तरह के व्यवसन का सेवन नहीं करूंगा, क्रोध और द्वेष वश कोई कार्य नहीं करूंगा, बुरी संगत और कुवचनों का त्याग करूंगा और सदा माता-पिता व गुरु की सेवा करूंगा।
 
-वेबदुनिया संदर्भ