सिखों का प्रसिद्ध तीर्थ हेमकुंड साहिब
उत्तराखंड में सिखों के तीर्थ के रूप में विख्यात हेमकुंड साहिब के कपाट ग्रीष्म काल में 1 जून से तीर्थयात्रियों के लिए खोल दिए गए।राज्य के चमोली जिले में 15 हजार फुट से भी ऊंचाई पर स्थित हेमकुंड साहिब तथा प्राचीन लोकपाल मंदिर के कपाट शुक्रवार को आम दर्शनार्थियों के लिए पूरे विधि-विधान से खोल दिए गए। इस मौके पर बड़ी संख्या में सिख धर्मावलंबी पहली अरदास के लिए हेमकुंड पहुंचे।शीतकाल में बर्फबारी से ढंके रहने के कारण हेमकुंड साहिब जाने के लिए तीर्थयात्रियों को अनुमति नहीं रहती है। बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर गोविंदघाट से करीब 21 किलोमीटर की खड़ी चढ़ाई चढ़ने के बाद ही हेमकुंड साहिब पहुंचा जाता है। घांघरिया से हेमकुंड साहिब तक करीब छह किलोमीटर के बीच कई जगहों पर बर्फ को काटकर रास्ता बनाया गया है।
इसके अलावा जोशी मठ से 40 किमी दूर सिख समाज का प्रसिद्ध तीर्थ हेमकुंड साहिब है, जहां गुरुगोविंद सिंह ने तपस्या की थी। यहां हिमालय की चोटियों के बीच चारों ओर बर्फ के पहाड़ हैं। बीच में विशाल सरोवर (बर्फीली झील) है। वहीं हेमकुंड गुरुद्वारा बनाया गया है। यह गुरुद्वारा चार महीनों तक खुला रहेगा। अक्टूबर में बर्फ गिरने के साथ ही इसके कपाट बंद कर दिए जाते हैं। सिखों के प्रसिद्ध धर्मस्थल हेमकुंड साहिब के लिए 20 किलोमीटर से भी अधिक पैदल ही पहाड़ की चढ़ाई पूरी करनी होती है।