शनिवार, 27 अप्रैल 2024
  • Webdunia Deals
  1. धर्म-संसार
  2. धर्म-दर्शन
  3. श्रावण मास विशेष
  4. Ujjain mahakal tisri sawari 2023 date
Written By

महाकालेश्वर की सवारी में मन महेश और चंद्रमौलीश्वर में क्या है अंतर

महाकालेश्वर की सवारी में मन महेश और चंद्रमौलीश्वर में क्या है अंतर - Ujjain mahakal tisri sawari 2023 date
Ujjain Mahakal Third sawari 2023 :10 जुलाई 2023 को उज्जैन में महाकालेश्‍वर ज्योतिर्लिंग के महाकाल बाबा की पहली पालकी यानी सवारी, 17 जुलाई को दूसरी सवारी और अब 24 जुलाई को तीसरी सवारी निकल रही है। तीसरी सवारी अधिकमास की है। इस दौरान महाकाल बाबा नगर भ्रमण करते हैं और अपनी प्रजा के हाल जानते हैं।
 
हर सवारी पर महाकाल बाबा का श्रृंगार अलग अलग रूपों में होता है। सावन सोमवार के पहले सोमवार पर बाबा महाकाल का मनमहेश स्वरूप में श्रृंगार किया गया था। मनमहेश स्वरूप में बाबा को पगड़ी पहनाई जाती है। इस स्वरूप में बाबा को दूल्हे के रूप में सजाया जाता है। महाकाल अपने इस स्वरूप में भक्तों की मनोकामनापूर्ण करते हैं। मान्यता है कि भगवान के स्वरूप के दर्शन करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। 
 
दूसरे सोमवार को चंद्रमौलीश्वर रूप में दर्शन दिए थे। चंद्रमौलीश्वर का अर्थ होता है कि चंद्रमा की निष्कलंक दूज की कला जिनके मस्तक में शोभित हो रही है वह चंद्रमौलीश्वर हैं। इस बार भगवान महाकाल मनमहेश और चंद्रमौलेश्वर के स्वरूप में नगर भ्रमण कर रहे हैं। 
 
अब सावने तीसरे सोमवार को भगवान श्री महाकालेश्वर श्री चंद्रमौलेश्वर के रूप में पालकी में, हाथी पर श्री मनमहेश के रूप में और गरूड़ रथ पर शिव-तांडव रूप में विराजित होकर अपनी प्रजा का हाल जानने नगर भ्रमण पर निकलेंगे। बताया जा रहा है कि इस सवारी में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह भी शामिल होंगे।
 
सवारी परंपरागत मार्ग महाकाल चौराहा, गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार और कहारवाडी से होती हुई रामघाट पहुंचेगी। जहां शिप्रा नदी के जल से भगवान का अभिषेक और पूजन-अर्चन किया जाएगा। इसके बाद सवारी रामानुजकोट, मोढ की धर्मशाला, कार्तिक चौक खाती का मंदिर, सत्यनारायण मंदिर, ढाबा रोड, टंकी चौराहा, छत्री चौक, गोपाल मंदिर, पटनी बाजार और गुदरी बाजार से होती हुई पुन: श्री महाकालेश्वर मंदिर पहुंचेगी।