श्रावण मास में कढ़ी खाने के लिए क्यों मना करते हैं?
Do Not Curry In Sawan: सावन के महीने में दही, कढ़ी, साग और कच्चे दूध से बनी चीजों को खाने की मनाही की जाती है। आखिर ऐसा क्यों? कढ़ी बनाने में दही का उपयोग होता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान शिव पर सावन के महीने में दही और कच्चा दूध चढ़ाया जाता है। ऐसे में इसे पीना वर्जित है। आओ जानते हैं की कढ़ी क्यों नहीं खाना चाहिए।
वैज्ञानिक कारण :
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श्रावण का माह में बारिश का मौसम रहता है। बरसात में हमारी पाचन क्रिया कमजोर पड़ जाती है।
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दही और कढ़ी का सेवन सावन के महीने में इसलिए नहीं करना चाहिए क्योंकि इस मौसम में पाचन क्रिया धीमी रहती है।
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ऐसे में इन्हें पचाने में दिक्कत महसूस हो सकती है। साथ ही वात की समस्या भी हो सकती है।
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बरसात के दिनों में इन चीजों का सेवन नहीं करने को कहा गया है क्योंकि इस दौरान डाइजेस्टिव सिस्टम सेंसेटिव होता है।
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यह भी कि इन चीजों में पहले की अपेक्षा हानिकारक बैक्टिरिया जाता बढ़ जाते हैं।
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बरसात के मौसम में साग-पात में कीड़े ज्यादा होते हैं।
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कच्चे दूध में भी हानिकारक बैक्टिरिया बढ़ जाते हैं इसलिए उसे अच्छे से उबालकर ही उपयोग में लें।
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वहीं दही का जमाव भी जीवाणुओं द्वारा होता है, इसलिए दही और इससे बनी चीजें जैसे कढ़ी को नहीं खाना चाहिए।