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Written By WD Feature Desk
Last Modified: बुधवार, 18 सितम्बर 2024 (18:20 IST)

Shraddha Paksha 2024: पितृ पक्ष में यदि अनुचित जगह पर श्राद्ध कर्म किया तो उसका नहीं मिलेगा फल

किस जगह पर श्राद्ध कर्म करें और किस जगह पर नहीं करें, जानिए इस बारे में महत्वपूर्ण जानकारी

Shraddha Paksha 2024:  पितृ पक्ष में यदि अनुचित जगह पर श्राद्ध कर्म किया तो उसका नहीं मिलेगा फल - Shraddha Karma Sthal
Shraddha Paksha 2024: भाद्रपद की पूर्णिमा से अश्‍विन माह की अमावस्या तक श्राद्ध पक्ष चलता है जिसे पितृपक्ष भी कहते हैं। यदि आप इस दौरान अपने पितरों का श्राद्ध, तर्पण, पिंडदान या ब्राह्मण भोजन करने जा रहे हैं तो यह भी जान लें कि शास्त्रों के अनुसार किस जगह श्राद्ध करना चाहिए और किस जगह पर नहीं। यदि अनुचित जगह पर श्राद्ध किया तो उसका फल नहीं मिलता है।
 
पितृपक्ष में कहां श्राद्ध करना चाहिए?
 
1. घर पर : श्राद्ध आप अपने घर में भी कर सकते हैं। दक्षिण में मुख करके श्राद्ध किया जाता है।
 
2. तट पर : किसी पवित्र नदी, नदी संगम, समुद्र में गिरने वाली नदियों के तट पर उचित समय में विधि-विधान से श्राद्ध किया जा सकता है।
 
3. बरगद के नीचे : पवित्र वट-वृक्ष के नीचे भी श्राद्ध कर्म किया जा सकता है।
 
4. तीर्थ क्षेत्र : शास्त्रों में उल्लेखित किसी तीर्थ क्षेत्र में भी श्राद्ध किया जा सकता है। 
 
5. समुद्र तट पर : समुद्र के तट पर भी श्राद्ध किया जा सकता है, परंतु उसके लिए शास्त्र विधि ज्ञात होना चाहिए।
 
6. गोशाला : जहां बैल न हों ऐसी गौशाला में भी उचित स्थान को गोबर से लीपकर शुद्ध करके श्राद्ध किया जा सकता है।
 
7. पर्वत पर : पवित्र पर्वत शिखर पर भी श्राद्ध किया जा सकता है।
 
8. जंगल में : वनों में उचित स्थान, स्वच्छ और मनोहर भूमि पर भी विधिपूर्वक श्राद्ध किया जा सकता है।
Shradh paksha  AI
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पितृपक्ष में कहां पर श्राद्ध नहीं करना चाहिए?
 
1. दूसरों की भूमि पर : किसी की पर्सनल भूमि पर श्राद्ध नहीं करते हैं। भूमि खुद की या सार्वजनिक होना चाहिए। अगर दूसरे के गृह या भूमि पर श्राद्ध करना पड़े तो किराया या दक्षिणा भूस्वामी को दे देना चाहिए।
 
2. अपवित्र भूमि : किसी भी प्रकार से अपवित्र हो रही भूमि पर भी श्राद्ध नहीं करते हैं। 
 
3. शमशान में : किसी ऐसे शमशान में श्राद्ध नहीं कर सकते हैं जिसे तीर्थ नहीं माना जाता है। देश के 6 प्रमुख श्मशान को तीर्थ माना जाता है। 
 
4. देव स्थान पर : किसी मंदिर के अंदर या देवस्थान पर भी श्राद्ध कर्म नहीं करना चाहिए। इसके लिए पंडित से सलाह लें।