शुक्रवार, 29 मार्च 2024
  • Webdunia Deals
  1. धर्म-संसार
  2. सनातन धर्म
  3. नीति नियम
  4. Garuda Purana

गरुड़ पुराण अनुसार इस तरह की महिला और हिजड़ों से कैसे संबंध रखें, जानिए

गरुड़ पुराण अनुसार इस तरह की महिला और हिजड़ों से कैसे संबंध रखें, जानिए - Garuda Purana
गरुड़ पुराण के अनुसार हमें कुछ लोगों के हाथों का बना भोजन नहीं करना चाहिए और ना ही उनसे किसी भी प्रकार का संबंध रखना चाहिए। क्योंकि उनके हाथ का बना भोजन करने से हमें उसके पापों का दोष लगता है जिसका परिणाम अच्छा नहीं होता है।
 
 
जैसे किसी अपराधी, नशे का व्यापारी, अत्यधिक क्रोधी, निर्दयी, ब्याजखोर, अस्वस्थ व्यक्ति, हिजड़ा और चरित्रहीन महिला के हाथ का भोजन नहीं करना चाहिए। उक्त लोगों के हाथ का भोजन करना तो दूर की बात है इनसे किसी भी प्रकार का संबंध नहीं रखना चाहिए। हालांकि गुरुढ़ पुराण में इस संबंध में विस्तार से उल्लेख मिलता है कि ऐसा क्यों करना चाहिए। यहां प्रस्तुत है संक्षिप्त में हिजड़े और चरित्रहीन महिला के संबंध में।
 
 
1.हिजड़े- हिजड़ों को नपुंसक या किन्नर भी कहा जाता है। गरुड़ पुराण में बताया गया है कि इन्हें दान देना चाहिए, लेकिन इनके यहां भोजन नहीं करना चाहिए। किन्नर कई प्रकार के लोगों से दान में धन प्राप्त करते हैं। इन्हें दान देने वालों में अच्छे व बुरे दोनों ही प्रकार के लोग होते हैं इसीलिए इनके यहां का भोजन वर्जित है। इनसे किसी भी प्रकार का दान लेने भी वर्जित है और इनसे किसी भी प्रकार का संबंध रखना भी वर्जित है।
 
 
हमारे देश में हिजड़े की संख्या बढ़ती जा रही है। इसके बढ़ने के कई कारण है। समाज के बीच में इनका रहना निश्चित ही सभ्य समाज के लिए असहज करने वाली स्थिति ही है। हालांकि वर्तमान में आधुनिकता और लोकतंत्र के नाम पर आधुनिक समाज में इनका हस्तक्षेप बढ़ गया है। अब ये समाज के हर क्षेत्र में नजर आने लगे हैं। राजनीति, सिनेमा और साहित्य के साथ ही अब हिजड़ों का धर्म में भी दखल बढ़ गया है। वर्तमान में किन्नर अखाड़ा को जूना अखाड़ा में शामिल किए जाने से यह सिद्ध होता है कि हिन्दू धर्म अब किन्नरों का धर्म भी माना जाएगा। गौरतलब है कि माना जाता है कि जो महिला पुरुषों की तरह जीवन यापन करती है वह भी इसी श्रेणी में आती है।
 
 
2.चरित्रहीन महिला- यहां चरित्रहीन स्त्री का अर्थ यह है कि जो स्त्री स्वेच्छा से पूरी तरह अधार्मिक आचरण करती है। उसके जीवन में प्रेम और सेक्स ही सबकुछ है। गरुड़ पुराण अनुसार जो व्यक्ति ऐसी स्त्री के हाथ या उसके यहां का भोजन करता है, वह भी उसके पापों का फल प्राप्त करता है। यह नियम चरित्रहीन पुरुष पर भी लागू होता है। ऐसे लोग समाज को विकृत करने की क्षमता रखते हैं। समाज जब विकृत होता है तो उसका पतन भी तय हो जाता है।
 
 
वर्तमान में समाज में ऐसी कई महिलाएं भी हो चली है जो कि आधुनिकता के नाम पर स्वच्छंद जीवन यापन कर रही हैं। उनके इस आचरण का कई पुरुष भी समर्थन करते हैं। वर्तमान में चरित्रहीनता को आधुनिक शब्दों और परिवेश में ढालकर उसे सभ्य बनाया जा रहा है। एक लड़की के तीन बॉयफ्रेंड हैं और वह तीनों से प्यार करती है। तीनों बॉयफ्रेंड को इसका पता है। अंत में वह लड़की पांच साल बाद तीनों में से किसी एक के साथ विवाह करके सैटल होने का सोचती है। यह सोचने में उसे तीन साल लग जाते हैं। इस बीच उसका किसी चौथे से प्रेम-प्यार का चक्कर चल जाता है।

दरअसल, ऐसे रिश्तों को आजकल पॉलीएमरस रिलेशनशिप कहते हैं। ऐसे रिश्तों के चलन को पॉलीएमरी कहा जाता है। लिव इन रिलेशनशिप इसकी प्रारंभिक विकृति है। हालांकि इसका विरोध करने वालों को रूढ़िवादी सोच का कहा जाता है। लेकिन एक सभ्य व्यक्ति या समाज ही समझ सकता है कि आधुनिकता, स्वतंत्रता और लोकतंत्र के नाम पर व्याभिचार को बढ़ावा देना किचना उचित है। समाज को सभ्य होने में लाखों वर्ष लगे हैं लेकिन वर्तमान में समाज असभ्य और जंगली होने के रास्ते में चल पड़ा है।
ये भी पढ़ें
मोर पंख में है नवग्रह का वास, पढ़ें आश्चर्यजनक फायदे, 10 काम की बातें