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Written By अनिरुद्ध जोशी
Last Updated : गुरुवार, 2 जनवरी 2020 (15:37 IST)

ये 6 तरह के आचरण कर देते हैं बर्बाद

hindu manners | ये 6 तरह के आचरण कर देते हैं बर्बाद
हिन्दू शास्त्रों और ज्योतिष के अनुसार धन, संपत्ति आदि में बरकद रखने के लिए कुछ नियम और उपाय बताएं गए हैं यदि लोग उन नियम और उपायों का पालन नहीं करते हैं तो ऐसे लोगों का धन जेलखाना, पागलखाना या दवाखाने में ही चला जाता है। उक्त में बर्बाद नहीं हुआ तो चोरी हो जाता है या उधारी में पैसा कभी वापस नहीं लौटता है। आओ जानते हैं कि वे कौन से नियम हैं।
 
 
1.कुकृत्य : जहां मदिरा सेवन, स्त्री अपमान, देवी और देवताओं का अपमान, तामसिक भोजन, ब्याज का धंधा और अनैतिक कृत्यों को महत्व दिया जाता है उनका धन दवाखाने, जेलखाने और पागलखाने में ही खर्च होता रहता है।
 
 
1.कलह : घर में क्रोध, कलह और रोना-धोना आर्थिक समृद्धि व ऐश्वर्य का नाश कर देता है इसलिए घर में कलह-क्लेश पैदा न होने दें।
 
 
2.मां, पत्नी और बेटी : मां, पत्नी और बेटी लक्ष्मी का रूप होती हैं, जो व्यक्ति इनके सम्मान, सुरक्षा और इच्‍छाओं का ध्यान नहीं रखता है। इन्हें दुत्कारता, कोसता या अशुभ वचन कहता है। ऐसे व्यक्ति पर माता पार्वती का क्रोध बरसकता है। मां को दुखी करने से सुख चला जाता है और पत्नी को दुखी करने से समृद्धि चली जाती है। बेटी को दुखी करने से सबकुछ चला जाता है।
 
 
3.वास्तु दोष : आग्नेय, दक्षिण और नैऋत्य मुखी मकान में रहना वाले को कभी पूर्ण सुख प्राप्त नहीं होता है। घर में गंदगी का होना भी शुभ नहीं माना जाता। घर में काले, कत्थई, मटमैले, जामुनी और बैंगनी रंग का इस्तेमाल करना भी शुभ नहीं माना जाता है। वॉशरूम को गीला रखना, रात में कपड़े सुखाना, झाड़ू को खड़ा रखना, ब्रह्ममुहूर्त या संध्याकाल को झाड़ू लगाना, मकड़ी के जाले होना, अटाला जमा होना, छत पर बांस रखना आदि कई कारण वास्तुदोष को निर्मित करते हैं।
 
 
4.संधिकाल : संधिकाल में अनिष्ट शक्तियां प्रबल होने के कारण इस काल में निम्नलिखित बातें निषिद्ध बताई गई हैं- सोना, खाना-पीना, गालियां देना, झगड़े करना, अभद्र एवं असत्य बोलना, क्रोध करना, शाप देना, यात्रा के लिए निकलना, शपथ लेना, धन लेना या देना, रोना, वेद मंत्रों का पाठ, शुभ कार्य करना, चौखट पर खड़े होना। उपरोक्त नियम का पालन नहीं करने से जहां एक ओर बरकत चली जाती है वहीं व्यक्ति कई तरह के संकटों से घिर जाता है।
 
 
5. सोना : दक्षिण दिशा में पैर करके न सोएं। शाम के समय सोना, पढ़ना और भोजन करना निषिद्ध है। सोने से पूर्व पैरों को ठंडे पानी से धोना चाहिए किंतु गीले पैर नहीं सोना चाहिए। इससे धन का नाश होता है। दांतों को अच्छे से साफ और चमकदार बनाए रखें। बार-बार थूकने, झींकने या खांसने की आदत को बदलें। उपरोक्त नियमों का पालन करने से व्यक्ति स्वस्थ बना रहता है।
 
 
6.भोजन के नियम : भोजन करने और पानी पीने के दौरान हिन्दू नियमों का पालन करना जरूरी है। जैसे भोजन की थाली को हमेशा पाट, चटाई, चौक या टेबल पर सम्मान के साथ रखें। खाने की थाली को कभी भी एक हाथ से न पकड़ें। ऐसा करने से खाना प्रेत योनि में चला जाता है। भोजन करने के बाद थाली में ही हाथ न धोएं। भोजन करने के बाद थाली को कभी किचन स्टैंड, पलंग या टेबल के नीचे न रखें, ऊपर भी न रखें। भोजन के दौरान पानी नहीं पीएं। भोजन करने के आधे घंटे बाद ही पानी पीएं।  भोजन सदैव पूर्व या उत्तर की ओर मुख करके करना चाहिए। संभव हो तो रसोईघर में ही बैठकर भोजन करें इससे राहु शांत होता है। जूते पहने हुए कभी भोजन नहीं करना चाहिए। रात में चावल, दही और सत्तू ना खाएं और किस दिन, नक्षत्र और तिथि को क्या न खाएं यह अच्छी तरह जान लेने से व्यक्ति दवाखाने से बच जाता है।
 
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