लेखक - आर. हरिशंकर
पूषन एक वैदिक देवता है। पूषन वह देवता हैं जो विवाह के संचालन में मदद करते, सुरक्षित यात्रा प्रदान करते और उन दिलों में वास करते हैं जो पशुओं को भोजन खिलाते हैं। वह हमारे कर्मों के अनुसार वे फल देते हैं। वह आत्माओं को दूसरे संसार की यात्रा करने के लिए पथप्रदर्शन करते हैं।
वह लोगों की मृत्यु के समय के दौरान अपनी सुंदर उपस्थिति दिखाकर उनके भय को दूर करते हैं। वह तीर्थ यात्रियों को चोरों और जानवरों से बचाते हैं और लोगों को दुश्मनों, दुर्घटनाओं और अप्राकृतिक मृत्यु से बचाकर लोगों को दिव्य पथ पर ले जाते हैं। वह देने वाले देवता भी हैं जो हमरे जीवन में धन, स्वास्थ और समृद्धि देते हैं।
जब हम एक स्थान से दूसरे स्थान की यात्रा करते हैं, तो वह हमारे सामान की सुरक्षा भी करते हैं। वह हमारे दिमाग में बुरे विचारों को दूर करते हैं, काला जादू को दूर करते हैं और कई खतरनाक बीमारियों को ठीक करते हैं।
वह मुख्य रूप से सभी प्रकार की प्राकृतिक आपदाओं से लोगों को राहत देते हैं जो चक्रवात, बाढ़, भारी बारिश और सुनामी के कारण होती हैं। वह शांतिपूर्ण जीवन जीने के लिए, हमारे लिए सभी कार्य करते हैं। वह हमेशा उन भक्तों की देखभाल करते हैं जो किसी भी रूप में ईश्वर की पूजा करते हैं और चाहें दूसरे धर्म के लोग भी हो, लेकिन वे लोगों से केवल यही अपेक्षा रखते हैं कि वे भगवान की सच्ची भक्ति करें।
यदि हमारे अंदर ईश्वर के लिए शुद्ध भक्ति है, तो वह हमारे पूर्व कर्मों के आधार पर हमरे जीवन में अच्छे काम करेंगे। वह हमारे बुरे कर्मों को कुछ हद तक कम करने और हमारे जीवन में अच्छे परिणाम देने की शक्ति भी रखते हैं लेकिन वह किसी व्यक्ति के पूरे भाग्य को नहीं बदल सकते हैं।
उनका उल्लेख ऋग्वेद और प्राचीन पुराणों और धार्मिक ग्रंथों में भी मिलता है। वह यज्ञ में भाग भी लेते हैं। वह यज्ञ कर्ता और लोगों को आशीर्वाद देते हैं। वह विभिन्न बीमारियों जैसे खांसी, सर्दी, दमा, हृदय की समस्याओं और कई अन्य लंबे समय से चली आ रही बीमारियों से तेजी से राहत दिलाएंगे। वह लोगों को मानसिक विकार, मन में भ्रम, ऊर्जा की कमी, सुस्ती, आलस्य और मानसिक अस्थिरता से भी छुटकारा दिलाते हैं। विभिन्न होम का आयोजन करते समय उनका नाम कई बार दोहराया जाता है।
उन्हें इंद्र, वरुण, अग्नि, वायु, सूर्य और चंद्र जैसे वैदिक देवताओं के समकक्ष माना जाता है। उसके पास अलौकिक शक्तियां हैं और आपकी पुकार सुनकर किसी भी क्षण किसी भी स्थान पर पहुंच जाएंगे। हम उसके नाम का बार-बार जाप कर सकते हैं, ताकि वह जीवन के हर पड़ाव में हमारे साथ हों।
पुराणों में पूषन को 12 आदित्यों में से एक के रूप में वर्णित किया गया है और वे अदिति एवं कश्यप के पुत्र हैं। उनके भाई सूर्य, वरुण और इंद्र हैं।
वह हमारे लिए एक अंगरक्षक के रूप में कार्य करते हैं और हमारे दैनिक जीवन में हमारी सभी इच्छाओं को पूरा करते हैं। यद्यपि वह अन्य देवताओं के समान नहीं जाने जाते हैं। वह वैदिक देवताओं में भी एक है और पृथ्वी पर लोगों की मदद करते हैं। वह भगवान इंद्र द्वारा दिए गए निर्देशों के अनुसार अपने कर्तव्यों को करते हैं और उसके लिए एक सहायक मित्र के रूप में भी कार्य करते हैं। वह अपने कर्तव्यों का सही ढंग से निर्वहन करने के लिए वायु, वरुण, सूर्य और चंद्र जैसे अन्य देवताओं के साथ भी परस्पर बातचीत करते हैं।
वह कई ऋषियों द्वारा पूजे जाते हैं, और वे ऋषि उनसे आशीर्वाद लेते हैं। वह ऋषियों को उनकी तपस्या को सही तरीके से करने में मदद करते हैं और तपस्या करते समय उनके कारण हुई भूल को दूर करते हैं। सामान्य तौर पर, हम कह सकते हैं कि वह पूरी दुनिया के लिए मित्रवत हैं। आइए हम उनकी महिमा का गुणगान करें और धन्य हों। ॐ श्री पूषन नम:।
अनुवाद : अनिरुद्ध जोशी