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Last Updated : सोमवार, 7 मार्च 2022 (15:08 IST)

जेलेंस्की के बाद अब रूसी राष्ट्रपति पुतिन से बात करेंगे PM मोदी, क्या भारत देगा शांति का संदेश?

जेलेंस्की के बाद अब रूसी राष्ट्रपति पुतिन से बात करेंगे PM मोदी, क्या भारत देगा शांति का संदेश? - PM Modi speaks with Zelensky, call with Putin scheduled later today
नई दिल्ली/ कीव/ मास्को/ बीजिंग। रूस-यूक्रेन युद्‍ध के बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की से बात की। 35 मिनट तक चली बातचीत में यूक्रेन में फंसे भारतीयों की सकुशल वापसी पर चर्चा हुई। यूक्रेन के राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की ने रूसी आक्रमण के मुकाबला के बारे में भारतीय प्रधानमंत्री मोदी को सूचित किया।
युद्ध के दौरान यूक्रेन में फंसे भारतीय नागरिकों की सहायता और उच्चतम स्तर पर शांतिपूर्ण वार्ता के लिए यूक्रेन की प्रतिबद्धता की भारत ने सराहना की है। अब खबरें हैं कि प्रधानमंत्री मोदी रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से बातचीत करेंगे। युद्‍ध शुरू होने के बाद दोनों नेताओं में दूसरी बार बात होगी। 
चीन ने अमेरिका को बताया जिम्मेदार : यूक्रेन पर हमले की निंदा करने से चीन के लगातार इनकार के बीच चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने सोमवार को रूस को बीजिंग का ‘‘सबसे महत्वपूर्ण कूटनीतिक साझेदार’’ बताया। वांग यी ने कहा कि मॉस्को के साथ चीन के रिश्ते ‘‘दुनिया के सबसे महत्वपूर्ण द्विपक्षीय संबंधों में से एक’’ हैं। उन्होंने चीन की संसद की वार्षिक बैठक से इतर संवाददाता सम्मेलन में कहा कि अंतरराष्ट्रीय परिदृश्य कितना खतरनाक क्यों न हो, लेकिन हम अपना कूटनीतिक रुख बरकरार रखेंगे और नए युग में व्यापक चीन-रूस भागीदारी के विकास को बढ़ावा देते रहेंगे। दोनों देशों के लोगों के बीच दोस्ती मजबूत है।’’
चीन ने यूक्रेन पर रूस के हमला करने के बाद उस पर अमेरिका, यूरोप और अन्य द्वारा लगाए प्रतिबंधों से खुद के अलग कर लिया है। चीन ने कहा कि सभी देशों की संप्रभुत्ता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान किया जाना चाहिए लेकिन इन प्रतिबंधों ने नए मुद्दे पैदा कर दिए हैं और राजनीतिक समाधान की प्रक्रिया बाधित कर दी है।
 
चीनी नेता शी चिनफिंग और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच चार फरवरी को बीजिंग में हुई बैठक को काफी महत्ता दी गयी। इस बैठक के बाद दोनों पक्षों ने एक संयुक्त बयान जारी कर ‘‘अपने अहम हितों की रक्षा के लिए मजबूत परस्पर सहयोग’’ की पुष्टि की।
 
रूस ताइवान को ‘‘चीन का अविभाज्य हिस्सा’’ मानने के रुख का समर्थन करता है और ताइवान की किसी भी रूप में स्वतंत्रता का विरोध करता है जबकि चीन उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) के विस्तार का विरोध करने में रूस का समर्थन करता है। शी की सरकार ने यूक्रेन पर हमले की निंदा करने से इनकार कर दिया लेकिन पुतिन के युद्ध से भी दूरी बनाने की कोशिश करते हुए संवाद और संप्रभुत्ता का सम्मान करने का आह्वान किया। इससे ऐसे संकेत मिले कि पुतिन ने दोनों नेताओं के बयान से पहले चीनी नेता को अपनी योजनाओं के बारे में नहीं बताया। बीजिंग ने मॉस्को पर व्यापार और वित्तीय प्रतिबंधों की निंदा की और इस संघर्ष के लिए अमेरिका को जिम्मेदार ठहराया।