बुधवार, 24 अप्रैल 2024
  • Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. रूस-यूक्रेन वॉर
  3. न्यूज़ : रूस-यूक्रेन वॉर
  4. Indian judge votes against Russia dalbeer bhandari
Written By
Last Updated : गुरुवार, 17 मार्च 2022 (09:40 IST)

कौन हैं भारतीय न्यायाधीश दलवीर सिंह जिसने रूस के खिलाफ किया 'वोट'

कौन हैं भारतीय न्यायाधीश दलवीर सिंह जिसने रूस के खिलाफ किया 'वोट' - Indian judge votes against Russia dalbeer bhandari
इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस ने रूस से यूक्रेन में अपने सैन्य अभियान को तुरंत रोकने के लिए कहा है। सीजेआई ने इस मामले पर 13-2 से हुए फैसले के बाद यह आदेश जारी किया है।

वोटिंग के दौरान 13 देश इस पक्ष में रहे कि रूस को यूक्रेन में सैन्य अभियान तुरंत रोक देना चाहिए, जबकि 2 ने इसके खिलाफ मतदान किया। संयुक्त राष्ट्र अदालत में भारतीय न्यायाधीश न्यायमूर्ति दलवीर भंडारी ने रूस के खिलाफ बहुमत के पक्ष में मतदान किया।

संयुक्त राष्ट्र की अदालत में 15 न्यायाधीश होते हैं। ICJ के अध्यक्ष जोआन ई डोनोग्यू (यूएसए), न्यायाधीश पीटर टोमका (स्लोवाकिया), न्यायाधीश रोनी अब्राहम (फ्रांस), न्यायाधीश मोहम्मद बेन्नौना (मोरक्को), न्यायाधीश अब्दुलकावी अहमद यूसुफ (सोमालिया), न्यायाधीश जूलिया सेबुटिंडे (युगांडा), न्यायाधीश दलवीर भंडारी (भारत), न्यायाधीश पैट्रिक लिप्टन रॉबिन्सन (जमैका), न्यायाधीश नवाफ सलाम (लेबनान), न्यायाधीश इवासावा यूजी (जापान), न्यायाधीश जॉर्ज नोल्टे (जर्मनी), न्यायाधीश हिलेरी चार्ल्सवर्थ (ऑस्ट्रेलिया) और न्यायाधीश तदर्थ दौडेट ने बहुमत के पक्ष में वोट डाला।

इन देशों ने रूस के पक्ष में दिया वोट 
दो न्यायाधीशों जिन्होंने रूस के पक्ष में मतदान किया, उनमें उपराष्ट्रपति किरिल गेवोर्गियन (रूस) और न्यायाधीश सू हनकिन (चीन) शामिल हैं। मालूम हो कि अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय के फैसले बाध्यकारी हैं लेकिन ऐसे मामले भी सामने आए हैं जहां देशों ने उनकी अनदेखी की है, क्योंकि आईसीजे के पास अपने आदेशों को लागू करने का कोई सीधा साधन नहीं है।

सरकार के पक्ष से अलग भंडारी का रुख
भारत अंतरराष्ट्रीय मंचों पर रूस-यूक्रेन मामले में अब तक तटस्थ रहा है। रूस के साथ संवेदनशील संबंधों के कारण भारत रूस पर अपना रुख स्पष्ट नहीं कर रहा है लेकिन अंतरराष्टीय न्यायालय में भारतीय जज का पक्ष सरकार के पक्ष से बिल्कुल अलग है। इसलिए विश्लेषक इस बात का आकलन कर रहे हैं कि दलवीर भंडारी के इस कदम को किस रूप में देखा जाए।

संयुक्त राष्ट्र में भारत ने किसी पक्ष को अपना वोट नहीं दिया था और स्पष्ट किया था कि रूस-यूक्रेन बातचीत के माध्यम से मामले का शांतिपूर्ण समाधान करें। हालांकि अंतरराष्ट्रीय कोर्ट के फैसले को जो देश मानने से इनकार कर देता है, उसका मामला संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भेजा जाता है, लेकिन वहां रूस को वीटो का अधिकार प्राप्त है। यानी वह किसी भी फैसले को पलट सकता है।

कौन हैं दलवीर भंडारी?
जस्टिस दलवीर भंडारी का वर्ल्ड कोर्ट में यह दूसरा कार्यकाल है। 2012 में उन्हें पहले कार्यकाल के लिए चुना गया जो 2018 तक जारी रहा। उन्हें भारत की ओर से दोबारा नामित किया गया। उन्होंने यूके के नामित जस्टिस ग्रीनवुड को हराकर ICJ में एक और कार्यकाल हासिल किया।