जब सोचा था तुमने मेरे बारे में
फाल्गुनीजब सोचा था तुमने दूर कहीं मेरे बारे में यहाँ मेरे हाथों की चूड़ियाँ छनछनाई थी। जब तोड़ा था मेरे लिए तुमने अपनी क्यारी से पीला फूल यहाँ मेरी जुल्फें लहराई थी। जब महकी थी कोई कच्ची शाख तुमसे लिपट कर यहाँ मेरी चुनरी मुस्कुराई थी। जब निहारा था तुमने उजला गोरा चाँद यहाँ मेरे माथे की नाजुक बिंदिया शर्माई थी। जब उछाला था तुमने हवा में अपना नशीला प्यार यहाँ मेरे बदन में बिजली सरसराई थी। तुम कहीं भी रहो और कुछ भी करों मेरे लिए, मेरी आत्मा ले आती है तुम्हारा भीना संदेश मेरे जीवन में प्यार के नाम पर बस यही है शेष।