• Webdunia Deals
  1. लाइफ स्‍टाइल
  2. »
  3. रोमांस
  4. »
  5. प्रेम-गीत
  6. असहाय सी खोज रही हूँ
Written By WD

असहाय सी खोज रही हूँ

रोमांस इश्क प्यार मोहब्बत लव प्रेम प्यार प्रेम गीत
फाल्गुनी

मेरसपनों में
स्नेथा,
ममत्व था,
औदार्य था
एक आकर्षण था
तुमने मुझे यथार्थ के 'अलार्म' से
उठा दिया अब मेरी उनींदी आँखों में
सपनों की खुमारी तो है, पर
स्नेह, ममत्व और औदार्य जैसे शब्दों को
असहाय सी
खोज रही हूँ
न वे शब्द मिल रहे हैं
और न उनके अर्थ,
तुम्हीं कर सकते थे
यह पीड़क अनर्थ।
---------
बदलते जमाने के बदले हुए दोस्त,
उस भोगे हुए यथार्थ की कसम,
कल तुम चीखना चाहोगे पर
चीख नहीं पाओगे क्योंकि
तब तुम मुझे बदला हुआ पाओगे