सोचती हूँ मैं अब भी, लेकिन उस रिश्ते के बारे में नहीं जो तुमसे जुड़ा तुम्हारे वे मेरे बीच बना और बनकर ध्वस्त हो गया मैं अब सोचती हूँ उस रिश्ते के बारे में जो कभी किसी से जुड़ेगा मेरे और किसी के बीच बनेगा, और बनकर कायम रहेगा और जिसे मैं ध्वस्त नहीं होने दूँगी कभी नहीं ------------ कुछ चाँद पर बातें करें
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शहदीयाँ रातों में दूध धूली चाँदनी, फैलती है, तब अक्सर पुकारता है, मन, कि, आओ, पास बैठो, कुछ चाँद पर बातें करें।