• Webdunia Deals
  1. धर्म-संसार
  2. धर्म-दर्शन
  3. पौराणिक कथाएं
  4. 3 daughters of lord shiva
Written By

भगवान शिव की 3 खूबसूरत बेटियों के बारे में जानते हैं आप? यहां जानिए आज

भगवान शिव की 3 खूबसूरत बेटियों के बारे में जानते हैं आप? यहां जानिए आज - 3 daughters of lord shiva
daughters of lord shiva


भगवान शिव की 3 बेटियां थीं।
 
कम ही लोगों को ज्ञात होगा कि भगवान शिव की दरअसल 6 संतानें हैं। इनमें तीन पुत्र हैं और इन्‍हीं के साथ उनकी 3 पुत्र‍ियां भी हैं। इनका वर्णन शिव पुराण में मिलता है।
 
भगवान शिव के तीसरे पुत्र का नाम भगवान अयप्‍पा है और दक्ष‍िण भारत में इनको पूरी श्रद्धा के साथ पूजा जाता है। वहीं शिव की तीनों पुत्र‍ियों के नाम हैं - अशोक सुंदरी, ज्‍योति या मां ज्‍वालामुखी और देवी वासुकी या मनसा। हालांकि तीनों बहनें अपने भाइयों की तरह बहुत चर्चित नहीं हैं लेकिन देश के कई हिस्‍सों में इनकी पूजा की जाती है। इनमें से शिव जी की तीसरी पुत्री यानी वासुकी को देवी पार्वती की सौतेली बेटी माना जाता है। मान्‍यता है कि कार्तिकेय की तरह ही पार्वती ने वासुकी को जन्‍म नहीं दिया था।
 
1. अशोक सुंदरी
शिव जी की बड़ी बेटी अशोक सुंदरी को देवी पार्वती ने अपना अकेलापन दूर करने के लिए जन्‍म दिया था। वह एक पुत्री का साथ चाहती थीं। देवी पार्वती के समान ही अशोक सुंदरी बेहद रूपवती थीं। इसलिए उनके नाम में सुंदरी आया। वहीं उनको अशोक नाम इसलिए दिया गया क्‍योंकि वह पार्वती के अकेलेपन का शोक दूर करने आई थीं। अशोक सुंदरी की पूजा खासतौर पर गुजरात में होती है।
 
अशोक सुंदरी के लिए ये भी कहा जाता है कि जब भगवान शिव ने बालक गणेश का सिर काटा था तो वह डर कर नमक के बोरे में छिप गई थीं। इस वजह से उनको नमक के महत्‍व के साथ भी जोड़ा जाता है।
 
2. ज्‍योति
शिव जी की दूसरी पुत्री का नाम ज्‍योति है और उनके जन्‍म से जुड़ी दो कथाएं बताई जाती हैं। पहली के अनुसार, ज्‍योति का जन्‍म शिव जी के तेज से हुआ था और वह उनके प्रभामंडल का स्‍वरूप हैं। दूसरी मान्‍यता के अनुसार ज्‍योति का जन्‍म पार्वती के माथे से निकले तेज से हुआ था। देवी ज्‍योति का दूसरा नाम ज्‍वालामुखी भी है और तमिलनाडु कई मंदिरों में उनकी पूजा होती है।
 
3.मनसा
 
शिव जी की इस बेटी के बारे में नहीं जानते हैं आप, बहुत गुस्सा आता है इस देवी को..
 
बंगाल की लोककथाओं के अनुसार, सर्पदंश का इलाज मनसा देवी के पास होता है। उनका जन्‍म तब हुआ था, जब शिव जी का वीर्य कद्रु, जिन्हें सांपों की मां कहा जाता है, की प्रतिमा को छू गया था। इसलिए उनको शिव की पुत्री कहा जाता है लेकिन पार्वती की नहीं। यानी मनसा का जन्‍म भी कार्तिकेय की तरह पार्वती के गर्भ से नहीं हुआ था।
 
बताया जाता है मनसा का एक नाम वासुकी भी है और पिता, सौतेली मां और पति द्वारा उपेक्ष‍ित होने की वजह से उनका स्‍वभाव काफी गुस्‍से वाला माना जाता है। आमतौर पर उनकी पूजा बिना किसी प्रतिमा या तस्‍वीर के होती है। इसकी जगह पर पेड़ की कोई डाल, मिट्टी का घड़ा या फिर मिट्टी का सांप बनाकर पूजा जाता है। चिकन पॉक्‍स या सांप काटने से बचाने के लिए उनकी पूजा होती है। बंगाल के कई मंदिरों में उनका विधिवत पूजन किया जाता है।
 
हालांकि शिव जी की पुत्र‍ियों के बारे में ज्‍यादा लोग नहीं जानते हैं लेकिन पुराणों में कई जगह उनका उल्‍लेख होता है।