गुरुवार, 28 नवंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. धर्म-संसार
  2. धर्म-दर्शन
  3. धार्मिक स्थल
  4. Trisrota bhramari devi shakti peeth west bengal

51 Shaktipeeth : त्रिस्रोता- भ्रामरी देवी मंदिर पश्चिम बंगाल शक्तिपीठ-27

51 Shaktipeeth : त्रिस्रोता- भ्रामरी देवी मंदिर पश्चिम बंगाल शक्तिपीठ-27 - Trisrota bhramari devi shakti peeth west bengal
देवी भागवत पुराण में 108, कालिकापुराण में 26, शिवचरित्र में 51, दुर्गा शप्तसती और तंत्रचूड़ामणि में शक्ति पीठों की संख्या 52 बताई गई है। साधारत: 51 शक्ति पीठ माने जाते हैं। तंत्रचूड़ामणि में लगभग 52 शक्ति पीठों के बारे में बताया गया है। प्रस्तुत है माता सती के शक्तिपीठों में इस बार त्रिस्रोता- भ्रामरी जलपाइगुड़ी सालबाढ़ी ग्राम पश्चिम बंगाल शक्तिपीठ के बारे में जानकारी।
 
 
कैसे बने ये शक्तिपीठ : जब महादेव शिवजी की पत्नी सती अपने पिता राजा दक्ष के यज्ञ में अपने पति का अपमान सहन नहीं कर पाई तो उसी यज्ञ में कूदकर भस्म हो गई। शिवजी जो जब यह पता चला तो उन्होंने अपने गण वीरभद्र को भेजकर यज्ञ स्थल को उजाड़ दिया और राजा दक्ष का सिर काट दिया। बाद में शिवजी अपनी पत्नी सती की जली हुई लाश लेकर विलाप करते हुए सभी ओर घूमते रहे। जहां-जहां माता के अंग और आभूषण गिरे वहां-वहां शक्तिपीठ निर्मित हो गए। हालांकि पौराणिक आख्यायिका के अनुसार देवी देह के अंगों से इनकी उत्पत्ति हुई, जो भगवान विष्णु के चक्र से विच्छिन्न होकर 108 स्थलों पर गिरे थे, जिनमें में 51 का खास महत्व है।
 
त्रिस्रोता- भ्रामरी शक्तिपीठ : भारतीय राज्य पश्चिम बंगाल के जलपाइगुड़ी के बोडा मंडल के सालबाढ़ी ग्राम स्‍थित त्रिस्रोत स्थान पर माता का बायां पैर गिरा था। इसकी शक्ति है भ्रामरी और शिव को अंबर और भैरवेश्वर कहते हैं। भ्रामरी को मधुमक्खियों की देवी के रूप में जाना जाता है। देवी महात्म्य में उनका उल्लेख मिलता है। देवी भागवत पुराण में संपूर्ण ब्रह्मांड के जीवों के लिए उसकी महानता दिखाई गई और उनकी सर्वोच्च शक्तियों का वर्णन मिलता है।
ये भी पढ़ें
51 Shaktipeeth : युगाद्या- भूतधात्री शक्तिपीठ क्षीरग्राम बंगाल शक्तिपीठ-28