12 ज्योतिर्लिंग : एक परिचय
शिव का वरदान है 12 ज्योतिर्लिंग
- विनोद द. मुले
हिन्दू धर्म एवं विज्ञान का चोली-दामन का साथ रहा है। हमारे धर्माचार्यों ने विज्ञान के कई नियमों को धर्म का जामा पहनाया ताकि हम धर्म के नाम पर ही सही, इन नियमों का पालन कर अपने जीवन को सुखकर करें। ठीक इसी प्रकार राष्ट्रीय एकता को अक्षुण्ण बनाए रखने के लिए हमारे धर्माचार्यों ने धर्म को ही माध्यम बनाया।
यही कारण है कि शंकराचार्य ने देश के 4 कोनों में 4 धामों की स्थापना की। देश के 12 विभिन्न स्थानों पर स्थित शिव के 12 ज्योतिर्लिंग भी हमारी राष्ट्रीय एकता को बनाए रखने में सहायक सिद्ध हुए हैं। इन ज्योतिर्लिंगों की यात्रा से हमें हमारे विशाल देश की एक झलक देखने का अवसर मिलता है। ऐसा माना जाता है कि भगवान श्री शिवशंकर ने हमारे देश के जिन 12 स्थानों पर अवतार लेकर अपने भक्तों को वरदान दिया, वहां पर इन ज्योतिर्लिंगों की स्थापना की गई।
यह 12 ज्योतिर्लिंग इस प्रकार हैं-
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श्री सोमनाथ : गुजरात के सौराष्ट्र क्षेत्र में स्थित यह ज्योतिर्लिंग ऐतिहासिक महत्व रखता है। यहां रेल और बस से जा सकते हैं। रेल वेरावल तक जाती है। सोमनाथ के वर्तमान मंदिर का उद्घाटन देश के प्रथम राष्ट्रपति राजेन्द्र प्रसाद द्वारा किया गया था।सौराष्ट्र देशे विशवेऽतिरम्ये, ज्योतिर्मय चंद्रकलावतंसम्।भक्तिप्रदानाय कृतावतारम् तं सोमनाथं शरणं प्रपद्ये।।