इंदौर में खजराना स्थित कालका मंदिर
यहाँ जीवंत दिखाई पड़ती हैं माँ कालका
इंदौर के खजराना में स्थित माँ कालका मंदिर में प्रवेश करते ही श्रद्घालु अद्भुत आध्यात्मिक ऊर्जा से सराबोर हो जाते हैं। यहाँ माता की प्रतिमा जीवंत रूप में विराजित है। भक्त जब माता के दर्शन करते हैं तो उन्हें ऐसा प्रतीत होता है कि माँ साक्षात सामने ख़ड़ी हैं। मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा के समय यहाँ साधना प्रयोग करीब सा़ढ़े तीन वर्ष तक चला। माना जाता है कि प्राण प्रतिष्ठा के लिए यह प्रयोग बेहद जरूरी है। इस वजह से इस स्थान पर यह मान्यता है कि यहाँ माता साक्षात विराजमान है। स्थापना व मंदिर के निर्माण का कार्य पेशे से इंजीनियर राधेश्याम अग्रवाल बापूजी ने किया। बचपन से माता के अनन्य भक्त रहे बापूजी ने पहले पहल वर्ष 1975 में अपनी चार फैक्टरियों में तीन को बेचकर खजराना में जमीन खरीदकर एक छोटी प्रतिमा की स्थापना की। खजराना निवासी हरिकिशन पाटीदार के यहाँ पुत्र की प्राप्ति होने पर उन्होंने स्वप्रेरणा से मंदिर के समीप लगी अपनी जमीन दान कर दी। उसके पश्चात यहाँ वर्ष 1984 में भव्य मंदिर का निर्माण किया गया। माता की संगमरमर की वर्तमान मूर्ति वर्ष 1987 में राजस्थान के छितौली गाँव से लाई गई तथा विशाल चल समारोह निकाला गया। 1991 में मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की गई। इस सिद्घक्षेत्र में प्रतिवर्ष चैत्र व अश्विन पक्ष नवरात्रि पर विशेष आयोजन किए जाते हैं।