मंगलवार, 19 नवंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. धर्म-संसार
  2. धर्म-दर्शन
  3. धार्मिक आलेख
  4. Kaal Bhairav Information
Written By

कालाष्टमी पर्व 2021: आपको पता होना चाहिए भगवान भैरव की इक्कीस गोपनीय बातें

कालाष्टमी पर्व 2021: आपको पता होना चाहिए भगवान भैरव की इक्कीस गोपनीय बातें - Kaal Bhairav Information
kalashtami 2021 भगवान काल भैरव भय, संकट, लांछन, भूत-प्रेत आदि से हमारी रक्षा करते है। काल भैरव जयंती या मासिक कालाष्टमी के दिन इनकी उपासना करना से वे अपने भक्तों की हर प्रकार से सहायता करके उन्हें हर कष्टों से बचाते हैं। उनकी महिमा अनेक शास्त्रों में मिलती है। यहां पढ़ें भैरव जी खास 21 गोपनीय बातें- 
 
1. भैरव जहां शिव के गण के रूप में जाने जाते हैं, वहीं वे दुर्गा के अनुचारी माने गए हैं।
 
2. भैरव रात्रि के देवता माने जाते हैं और इनकी आराधना का खास समय भी मध्य रात्रि में 12 से 3 बजे का माना जाता है।
 
3. भैरव के नाम जप मात्र से मनुष्य को कई रोगों से मुक्ति मिलती है।
 
4. मध्यप्रदेश के उज्जैन में भी कालभैरव के ऐतिहासिक मंदिर है, जो बहुत महत्व का है। पुरानी धार्मिक मान्यता के अनुसार भगवान कालभैरव को यह वरदान है कि भगवान शिव की पूजा से पहले उनकी पूजा होगी। इसलिए उज्जैन दर्शन के समय कालभैरव के मंदिर जाना अनिवार्य है। तभी महाकाल की पूजा का लाभ आपको मिल पाता है। kalashtami Importance
 
 
5. भैरव की सवारी कुत्ता है। कालाष्टमी के दिन कुत्ते की सेवा करने तथा उन्हें भोजन खिलाने से काल भैरव प्रसन्न होकर आ‍शीष प्रदान करते हैं।
 
6. भैरव की पूजा-अर्चना करने से परिवार में सुख-शांति, समृद्धि के साथ-साथ स्वास्थ्य की रक्षा भी होती है।
 
7. तंत्र के ये जाने-माने महान देवता काशी के कोतवाल माने जाते हैं।
 
8. जन्मकुंडली में अगर आप मंगल ग्रह के दोषों से परेशान हैं तो भैरव की पूजा करके पत्रिका के दोषों का निवारण आसानी से कर सकते है। राहु केतु के उपायों के लिए भी इनका पूजन करना अच्छा माना जाता है।

 
9. भैरव कवच से असामायिक मृत्यु से बचा जा सकता है।
 
10. चमेली फूल प्रिय होने के कारण उपासना में इसका विशेष महत्व है।
 
11. अगर आप भूत-प्रेत बाधा, तांत्रिक क्रियाओं से परेशान है, तो आप शनिवार या मंगलवार कभी भी अपने घर में भैरव पाठ का वाचन कराने से समस्त कष्टों और परेशानियों से मुक्त हो सकते हैं।

 
12. भगवान भैरव अपने भक्तों की संतान को लंबी उम्र प्रदान करते है।
 
13. खास तौर पर कालभैरव अष्टमी पर भैरव के दर्शन करने से आपको अशुभ कर्मों से मुक्ति मिल सकती है।
 
14. भारत भर में कई परिवारों में कुलदेवता के रूप में भैरव की पूजा करने का विधान हैं। वैसे तो आम आदमी, शनि, कालिका माँ और काल भैरव का नाम सुनते ही घबराने लगते हैं, लेकिन सच्चे दिल से की गई इनकी आराधना आपके जीवन के रूप-रंग को बदल सकती है।

 
15. भैरव अपने भक्तों की सारी मनोकामनाएं पूर्ण करके उनके कर्म सिद्धि को अपने आशीर्वाद से नवाजते है।
 
16. भैरव उपासना जल्दी फल देने के साथ-साथ क्रूर ग्रहों के प्रभाव को समाप्त खत्म कर देती है।
 
17. शनि या राहु से पीडि़त व्यक्ति अगर शनिवार और रविवार को काल भैरव के मंदिर में जाकर उनका दर्शन करें। तो उसके सारे कार्य सकुशल संपन्न हो जाते है।

 
18. एक बार भगवान शिव के क्रोधित होने पर काल भैरव की उत्पत्ति हुई।

 
19. काल भैरव ने ब्रह्माजी के उस मस्तक को अपने नाखून से काट दिया जिससे उन्होंने असमर्थता जताई। तब ब्रह्म हत्या को लेकर हुई आकाशवाणी के तहत ही भगवान काल भैरव काशी में स्थापित हो गए थे। masik kalashtami 
 
20. ये सभी देवता आपको घबराने के लिए नहीं बल्कि आपको सुखी जीवन देने के लिए तत्पर रहते है बशर्ते आप सही रास्ते पर चलते रहे।
 
21. भैरव तंत्रोक्त, बटुक भैरव कवच, काल भैरव स्तोत्र, बटुक भैरव ब्रह्म कवच आदि का नियमित पाठ करने से अपनी अनेक समस्याओं का निदान कर सकते हैं।

 
ये भी पढ़ें
Vrishchik Rashi 2022 : वृश्चिक राशि का कैसा रहेगा भविष्यफल, जानिए जनवरी से लेकर दिसंबर तक का हाल