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Written By अनिरुद्ध जोशी
Last Updated : सोमवार, 12 जुलाई 2021 (12:49 IST)

आज पूरी और अहमदाबाद में जगन्नाथ रथ यात्रा, जानिए 10 बड़ी बातें

आज पूरी और अहमदाबाद में जगन्नाथ रथ यात्रा, जानिए 10 बड़ी बातें - Ahmedabad Jagannath Puri Rath Yatra,
आज 12 जुलाई 2021 को पुरी में और अहमदाबाद में जगन्नाथ रथ यात्रा की शुरुआत हो गई है। हर वर्ष आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की दूज को यात्रा प्रारंभ होती है। आओ जानते हैं दोनों ही यात्रा की 10 बड़ी बातें।
 
 
1. भारतीय राज्य ओड़िशा के पुरी और और गुजरात के अहमदाबाद में भगवान जगन्नाथ की यात्रा का आयोजन होता है। दोनों ही यात्रा भगवान श्रीकृष्ण को समर्पित है।
 
2. पुरी में यात्रा करीब 2 से ढाई किलोमीटर का सफर करती जिसमें तीन रथ शामिल होते हैं जबकि अहमदाबाद में यात्रा का मार्ग 13 किलोमीटर लंबा है।
 
3. अहमदाबाद में 400 पुरानी मंदिर से यात्रा सुबह 7 बजे से प्रारंभ होती है और रात 8 बजे लौटकर समाप्त हो जाती है। परंतु इस बार यह यात्रा दोपहर तक समाप्त हो जाएगी जबकि पुरी में हजारों साल पुराने मंदिर से जगन्नाथ भगवान की यात्रा प्रात: प्रारंभ होती है और रथों को हाथों से खींचकर 2 किलोमीटर दूर गुंडिचा मंदिर ले जाया जाता है जहां भगवान एक सप्ताह तक विश्राम करने के बाद पुन: मंदिर लौट आते हैं।
 
 
4. इस साल की दोनों ही जगहों की रथयात्रा में मुख्य पुजारी महंत, कुछ पुजारी मंदिर के न्यासी और सेवकों के अलावा किसी को शामिल होने की अनुमति नहीं है। दोनों ही रथ यात्रा कर्फ्यू के साये में निकल रही है।
 
5. यात्रा की शुरुआत सबसे पहले बलभद्र जी के रथ से होती है। उनका रथ तालध्वज के लिए निकलता है. इसके बाद सुभद्रा के पद्म रथ की यात्रा शुरू होती है। सबसे अंत में भक्त भगवान जगन्नाथ जी के रथ 'नंदी घोष' को बड़े-बड़े रस्सों की सहायता से खींचना शुरू करते हैं। 
 
6. पुरी में जगन्नाथ भगवान की रथ यात्रा की शुरुआत सैंकड़ों साल पहले हुई थी जबकि अहमदाबाद में इसकी शुरुआत करीब 144 साल पहले हुई थी। दोनों ही जगह यह रथ यात्रा महोत्सव लगभग 10 दिनों तक चलता है। इस बार अहमदाबाद में 144वीं रथ यात्रा निकल रही है।
 
7. पुरी में जगन्नाथ रथ यात्रा के रथ बहुत ही विशालकाय होते हैं। रथयात्रा में तीन रथ होते हैं, जिसमें सबसे आगे ताल ध्वज पर श्री बलराम, उसके पीछे पद्म ध्वज रथ पर माता सुभद्रा और सबसे पीछे नन्दीघोष नाम के रथ पर श्री जगन्नाथ चलते हैं। 'तालध्वज रथ' 65 फीट लंबा, 65 फीट चौड़ा और फीट ऊंचा है। इसमें 7 फीट व्यास के 17 पहिये लगे होते हैं। बलराम और सुभद्रा दोनों के रथ प्रभु जगन्नाथ के रथ से छोटा होते हैं।
 
 
8. अहमदाबाद के रथयात्रा के लिए तीनों ही रथों को उपनाम दिए गए हैं। भगवान जगन्नाथ के रथ का नाम ‘नंदीघोष’ है। 6 पहियों वाला रथ 13.5 मीटर ऊंचा होता है। सुभ्रदा के रथ का नाम ‘देवदलन’ है। यह 12.9 मीटर ऊंचे 12 पहिए के इस रथ में लाल, काले कपड़े के साथ लकड़ी के 593 टुकड़ों का इस्तेमाल होता है। बलरामजी के रथ का नाम ‘तलध्वज’ है। यह 13.2 मीटर ऊंचा 14 पहियों का होता है, जो लाल, हरे रंग के कपड़े व लकड़ी के 763 टुकड़ों से बना होता है। दुनिया के किसी भी कोने में यह रथयात्रा निकले, रथों को इन्हीं नामों से संबोधित किया जाता है। हालांकि इन रथों की बनावट शैली समान ही होती है।
 
9. पुरी में रथ यात्रा से जुड़ी कई अन्य परंपरा और रस्में भी होती है जबकि अहमदाबाद में निकलने वाली रथ यात्रा में इतने नियम या रस्में नहीं होते हैं।
 
10. दोनों ही जगहों में मंदिर में बैठे भगवान की मूर्तियां एक समान है।
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