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Written By भाषा
Last Modified: देहरादून , सोमवार, 18 नवंबर 2013 (21:48 IST)

बद्रीनाथ के कपाट हुए बंद

चारधाम यात्रा का भी समापन

बद्रीनाथ के कपाट हुए बंद -
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देहरादून। विश्वप्रसिद्ध बद्रीनाथ धाम के कपाट श्रद्धालुओं के लिए सोमवार को बंद कर दिए गए और इसी के साथ उत्तराखंड में गढ़वाल हिमालय की इस साल की चारधाम यात्रा का भी समापन हो गया।

कड़ाके की सर्दी के बीच मुख्य पुजारी रावल केशव नंबूरी ने विधिवत पूजा-अर्चना के बाद भगवान विष्णु को समर्पित बद्रीनाथ मंदिर के कपाट आज शाम सात बजकर 38 मिनट पर श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिए।

भगवान बद्रीनाथ की मूर्ति वाली उत्सव डोली कल सुबह यहां से जोशीमठ के लिए रवाना होगी जहां शीतकाल के दौरान उसकी पूजा-अर्चना की जाएगी। चमोली जिले की ऊंची पहाड़ियों में स्थित मंदिर के कपाट बंद होने के दौरान पूरे मंदिर को पीले रंग के गेंदे के फूलों से सजाया गया था तथा फूलों से ही भगवान बद्रीविशाल का श्रृंगार किया गया था।

भीषण ठंड के बावजूद कपाट बंद होने की प्रक्रिया को देखने और भगवान के दर्शन के लिए दो हजार से अधिक श्रद्धालु मंदिर परिसर में मौजूद थे। बद्रीनाथ मंदिर के कपाट बंद होने के साथ ही आज इस वर्ष की चारधाम यात्रा का भी समापन हो गया। गढ़वाल हिमालय के चार धामों के रूप में मशहूर तीन अन्य धाम केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री के कपाट पहले ही बंद किए जा चुके हैं।

रुद्रप्रयाग जिले में स्थित केदारनाथ मंदिर और उत्तरकाशी जिले में यमुनोत्री के कपाट दीवाली के दो दिन बाद भैयादूज के पावन पर्व पर बंद किए गए थे। वहीं उत्तरकाशी में ही स्थित गंगोत्री मंदिर के कपाट श्रद्धालुओं के लिए दीवाली के एक दिन बाद अन्नकूट पर्व पर बंद हुए थे।

शीतकाल के दौरान चारों धामों के भीषण ठंड और भारी बर्फवारी की चपेट में रहने के कारण उनके कपाट श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिए जाते हैं जो अगले साल अप्रैल-मई में फिर खोले दिए जाते हैं।

छह माह के यात्रा सीजन के दौरान चारों धामों के दर्शन के लिए लाखों की संख्या में देश और विदेश के श्रद्धालु और पर्यटक आते हैं। हालांकि इस वर्ष आई प्राकृतिक आपदा के कारण चारधाम के दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों की संख्या काफी कम रही।

बद्रीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के सूत्रों ने बताया इस वर्ष करीब पांच लाख श्रद्धालु ही भगवान विष्णु के धाम बद्रीनाथ पहुंच पाए, जबकि पिछले साल यह संख्या करीब दोगुनी यानी 9.86 लाख थी। इसी तरह, आपदा से सर्वाधिक प्रभावित केदारनाथ मंदिर के गत पांच अक्टूबर को कपाट बंद होने तक केवल 3.12 लाख दर्शनार्थी ही पहुंचे जबकि पिछले साल यह आंकड़ा 5.73 लाख का था।

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि इस साल यमुनोत्री पहुंचने वाले श्रद्धालुओं की संख्या 2.32 लाख रही, जबकि गंगोत्री के दर्शन करने वालों की संख्या करीब 2.08 लाख रही। गंगोत्री मंदिर समिति के सचिव सुरेश सेमवाल ने बताया कि इस साल मंदिर पहुंचने वाले श्रद्धालुओं की संख्या पिछले एक दशक में सबसे कम रही। (भाषा)